Waqf Amendment Bill: सुधांशु त्रिवेदी के बयान पर खूब हुआ हंगामा, राज्यसभा में आधी रात दिग्विजय सिंह-अमित शाह में हुई तकरार
राज्यसभा
Waqf Amendment Bill: गुरुवार, 3 अप्रैल को जब वक़्फ संशोधन बिल परचर्चा हो रही थी तब पक्ष-विपक्ष में जमकर तकरार भी देखने को मिली. दोपहर से ही ऊपरी सदन में बिल पर बहस के दौरान तीखे बयान एक दूसरे पर साधे जा रहे थे. तीखी बहस के बीच राज्यसभा में भी वक्फ बिल को पास कर दिया गया. मगर इससे पहले आधी रात में भाजपा सांसद सुधांसु त्रिवेदी ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला. जिसके बाद अमित शाह और दिग्विजय सिंह के बीच तकरार छिड़ गई.
बीती रात वक्फ बिल पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में उस समय माहौल गरमा गया जब भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी अपनी बात रखी. जिसके बाद विपक्षी सांसदों ने उनके बयान की आलोचना शुरू कर दी. विपक्षी सांसदों ने सभापति से सुधांशु त्रिवेदी की बातों को एक्सपंज करने की मांग भी की. इसी दौरान कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह और अमित शाह में तकरार शुरू हो गई. दिग्विजय सिंह ने सुधांशु की बात पर आपत्ति जताई तो अमित शाह ने उनपर पलटवार किया.
ऊपरी सदन में वक्फ बिल पर बहस के दौरान भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा- ‘हमारी सरकार ने पहली बार मुस्लिम समाज के अंदर सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व देने का काम किया है. ताजमहल पर भी वक्फ ने दावा किया. तब सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ को लताड़ते हुए अपने जजमेंट में कहा कि शाहजहां के समय का फरमान लेकर आइए जिसमें ताजमहल को वक्फ किया गया.
कैसे गरमाया राज्यसभा का माहौल?
बिल पर बहस के दौरान अपने संबोधन में जब सुधांशु त्रिवेदी ने इशरत जहां, अतीक अहमद, मुख्तार अंसारी के नाम लिए और कहा कि ये लोग आज इनके साथ हैं. सुधांशु त्रिवेदी की इस बात पर एनसीपी (शरद पवार) की सांसद फौजिया खान ने आपत्ति की और एक्सपंज करने की मांग की. फौजिया खान ने कहा कि सुधांशु त्रिवेदी ने पूरे मुस्लिम समाज को अपमानित करने वाला बयान दिया है. इसे एक्सपंज किया जाए.
इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि फौजिया जी, आप पूरी बात सुनेंगी तो समझ आएगा कि किस कॉन्टेस्ट में बोले हैं. इसी दौरान कांग्रेस के सदस्य भी अपनी आपत्ति जताने लगे. जिसपर सुधांशु त्रिवेदी ने कहा- ‘आपने उड़ता तीर क्यों ले लिया?’
शाह ने संभाला मोर्चा
इसके बाद जब सदन के सभापति जब सुधांशु त्रिवेदी की बात पर एनसीपी सांसद को समझा ही रहे थे तभी गृह मंत्री अमित शाह ने पूरा मोर्चा संभाल लिया. अमित शाह ने कहा कि सुधांशु जी ने इंडी अलायंस को लेकर कहा है. उन्होंने कहा- ‘इशरत जहां, यही एनसीपी ने इशरत के घर जाकर इनाम भी दिया और शहीद बताया. दूसरा अतीक अहमद किस पार्टी से जुड़ा था? इंडी अलायंस. तीसरा मुख्तार अंसारी, ये भी इंडी अलायंस. ये सारे नाम आपके इंडी अलायंस से जुड़े हुए थे.’
फिर भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि याकूब मेमन के नमाज-ए-जनाजा में कितने लोग गए, कितने लोग अब्दुल कलाम के नमाज-ए-जनाजा में गए. एक सांसद तो ये कहते हैं कि अफजल की ज्यूडिशियल किलिंग हुई है.
यह भी पढ़ें: Waqf Amendment Bill: सरकार ने पार की अग्निपरीक्षा, दोनों सदनों में पास हुआ बिल, राष्ट्रपति के मुहर के बाद बनेगा कानून
दिग्विजय के बयान पर अमित ने मांगी सफाई
इसके बाद दिग्विजय सिंह ने कहा- ‘मुझे लेकर जो कहा गया है, मैं उसकी निंदा करता हूं.’ इस पर अमित शाह ने कहा- ‘माइक चालू करा दीजिए और दिग्विजय सिंह जी कह दें कि उन्होंने नहीं कहा है कि 26-11 हमले में संघ का हाथ था.’ शाह के इस बात पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि हमने ये बात नहीं कही है. मैं इस बात का खंडन करता हूं.
गुजरात दंगों पर शाह का जवाब
इसके बाद कांग्रेस नेता गुजरात दंगों पर पहुंच गए. दिग्विजय सिंह ने कहा गृह मंत्री जी बता दें कि गुजरात के दंगों के समय वे वहां के गृह मंत्री थे, उन लोगों की क्या भूमिका थी. इस पर अमित शाह ने करारा पटलवार करते हुए कहा कि जब दंगे हुए, उसके 18 महीने बाद गृह मंत्री बना था. इनको मेरा हौवा ऐसा है कि हर जगह मैं ही दिखाई देता हूं.