खालिस्तानी आतंकी पन्नू के खिलाफ NIA की बड़ी कार्रवाई, चंडीगढ़ और अमृतसर में अटैच की गई संपत्ति

Gurpatwant Singh Pannun: हाल ही में हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड के बाद भारत और कनाडा के बीच तनातनी बढ़ गई. इसके बाद भी पन्नू ने धमकी दी थी. इन धमकियों को देखते हुए जांच एजेंसियां अलर्ट हैं और उसके खिलाफ कार्रवाई जारी है.
Gurpatwant Singh Pannun

गुरपतवंत सिंह पन्नू, ( खालिस्तान समर्थक )

NIA Action Against Gurpatwant Singh Pannun: खालिस्तान के समर्थक और आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने कड़ा रुख अपनाया है. एएनआई पन्नू के खिलाफ छह मामलों की जांच कर रही हैं. इस बीच चंडीगढ़ में पन्नू की तीन संपत्तियों को कुर्क किया गया है. इसके अलावा अमृतसर में भी कुछ जमीनें कुर्क की गई हैं. सिख फॉर जस्टिस के संस्थापक अपनी खालिस्तान समर्थित गतिविधियों के लिए मशहूर है.

खालिस्तान समर्थक आतंकी पन्नू अक्सर भारत को धमकियां देता रहता है. वह कभी भारत में हमास की तरह धमकी देता है तो कभी टुकड़े-टुकड़े करके रहूंगा जैसी धमकियां देता है. हाल ही में कुछ निर्धारित तिथियों के साथ उसने कहा था कि सिख पंथ के लोग एअर इंडिया में ट्रैवल न करें. इससे उनकी जान को खतरा हो सकता है.

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चंडीगढ़ में तीन प्रॉपर्टी अटैच

हाल ही में हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड के बाद भारत और कनाडा के बीच तनातनी बढ़ गई. इसके बाद भी पन्नू ने धमकी दी थी. इन धमकियों को देखते हुए जांच एजेंसियां अलर्ट हैं और उसके खिलाफ कार्रवाई जारी है. एनआईए ने पन्नू की चंडीगढ़ में जो तीन प्रॉपर्टी अटैच की है, उसमें एक अपार्टमेंट भी शामिल है. इसके अलावा अमृतसर में 46 कनाल और पठानकोट में 11 और 13.5 कनाल जमीनें भी जब्त की हैं. बता दें कि एनआईए ने उसके खिलाफ रेड कॉनर्र नोटिस भी जारी किया है.

राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने इस साल 15 अक्टूबर तक कुल 66 केस दर्ज किए हैं, जिसमें दोषसिद्धि की दर 95.13% है. देश में ट्रेन हादसों की साजिश रचने के मामले में शुरुआती 4 हादसों के आधार पर एनआईए ने प्रारंभिक पूछताछ शुरु की थी.

सभी मामलों को एक साथ जांच रही है NIA

इसके बाद ऐसे जो भी मामले सामने आए हैं, एनआईए सभी को एक साथ क्लब करके जांच कर रही है. हालांकि, अभी NIA ने इस मामले में रेगुलर केस नहीं लिया है. एनआईए की पैरवी के बाद 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण मंजूर हुआ था, लेकिन उसने इसे अमेरिकी कोर्ट में चैलेंज किया था. इसके बाद प्रत्यर्पण की मंजूरी रद्द हो गई और उसे अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल करने का वक्त दिया गया है.

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