आतंकवाद पर मोदी सरकार का बड़ा प्रहार, जम्मू-कश्मीर के दो संगठनों पर लगा बैन

गृह मंत्री ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार आतंकवाद को उखाड़ फेंकने के लिए प्रतिबद्ध है और गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल किसी भी व्यक्ति को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे."
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गृह मंत्री अमित शाह

UAPA: केंद्र सरकार ने बुधवार को मुस्लिम कॉन्फ्रेंस जम्मू एंड कश्मीर (सुमजी गुट) और मुस्लिम कॉन्फ्रेंस जम्मू एंड कश्मीर (भट गुट) को बैन कर दिया. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी. इन संगठनों पर यूएपीए के तहत कार्रवाई की गई है. अमित शाह ने एक्स पोस्ट में लिखा, “सरकार ने मुस्लिम कॉन्फ्रेंस जम्मू और कश्मीर (सुमजी गुट) और मुस्लिम कॉन्फ्रेंस जम्मू और कश्मीर (भट गुट) को गैरकानूनी संघ घोषित कर दिया है.” उन्होंने कहा कि ये संगठन देश की संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ गतिविधियों में शामिल रहे हैं. गृह मंत्री ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार आतंकवाद को उखाड़ फेंकने के लिए प्रतिबद्ध है और गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल किसी भी व्यक्ति को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.”

आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने में शामिल रहे हैं ये संगठन: केंद्र सरकार

गृह मंत्रालय ने बुधवार को एक अधिसूचना में कहा कि गुलाम नबी सुमजी की अध्यक्षता वाला मुस्लिम कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर-सुमजी गुट (एमसीजेके-एस) अपने भारत विरोधी और पाकिस्तान समर्थक प्रचार के लिए जाना जाता है.  इसके सदस्य जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने और आतंकवादियों को रसद सहायता प्रदान करने में शामिल रहे हैं. अधिसूचना में कहा गया है,”एमसीजेके-एस के नेता और सदस्य जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने और सुरक्षा बलों पर निरंतर पथराव सहित गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान और उसके प्रॉक्सी संगठनों सहित विभिन्न स्रोतों से धन जुटाने में शामिल रहे हैं.”

अधिसूचना में कहा गया है,”एमसीजेके-एस के नेता और सदस्य जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने और सुरक्षा बलों पर निरंतर पथराव सहित गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान और उसके प्रॉक्सी संगठनों सहित विभिन्न स्रोतों से धन जुटाने में शामिल रहे हैं.” इसके अलावा गृह मंत्रालय ने कहा, “एमसीजेके-एस ने लगातार कश्मीर के लोगों को चुनाव में भाग लेने से परहेज करने के लिए कहा है और इस तरह भारतीय लोकतंत्र के संवैधानिक रूप से मान्यता प्राप्त बुनियादी सिद्धांतों को निशाना बनाया और बाधित किया है.”

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