मणिपुर हिंसा के बीच NDA दल हो रहे अलग, NPP ने वापस लिया समर्थन, AFSPA हटाने की मांग
Manipur Violence: 3 महिला और 3 बच्चों के शव मिलने के बाद मणिपुर में हिंसक प्रदर्शन लगातार जारी है. इस बीच राज्य की NDA सरकार में शामिल दल अलग हो रहे हैं. राज्य की नेशनल पीपुल्स पार्टी ने भाजपा से अपना समर्थन वापस ले लिया है. बता दें, NPP के 7 सदस्य हैं, जो भाजपा सरकार को समर्थन दे रहे थे.
The National People’s Party today decided to withdraw its support from the Manipur coalition government.
NPP National President and HCM Shri. @SangmaConrad in a letter to the President of BJP Shri. @JPNadda ji informed that by witnessing the deterioration of law pic.twitter.com/FGo3RCxdkz
— National People’s Party (NPP) (@nppmeghalaya) November 17, 2024
नेशनल पीपुल्स पार्टी ने BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को एक पत्र लिख कर इसकी जानकारी दी. उसमें पार्टी ने राज्य में बढ़ती हिंसा का जिक्र किया. इसके साथ ही जोर देकर बोला कि तमाम प्रयासों के बाद भी राज्य में हालात नहीं सुधरे हैं. ऐसे में समर्थन वापस लेने का फैसला लिए गया है. NPP ने राज्य से AFSPA हटाने की भी मांग की है.
बता दें, भाजपा के पास 32 सदस्य हैं, जबकि बहुमत का आंकड़ा 31 हैं. ऐसे में सरकार को फिलहाल खतरा नहीं है. नेशनल पीपुल्स पार्टी ने AFSPA हटाने की मांग की है. इसके बाद गृह मंत्री अमित शाह ने अपने नागपुर की चार रैलियों को रद्द कर दिया है. अब वह दिल्ली लौट आए हैं. वे राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर मीटिंग करेंगे. वहीं, हालातों का जायजा लेने के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) प्रमुख अनीश दयाल मणिपुर जाएंगे.
AFSPA वापस लेने की मांग
इसके साथ ही राज्य सरकार ने केंद्र से सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम यानी AFSPA वापस लेने की मांग की है. हिंसा के कारण केंद्र सरकार ने 14 नवंबर को इंफाल वेस्ट, इंफाल ईस्ट, जिरीबाम, कांगपोकपी और बिश्नुपुर जिलों के सेकमाई, लामसांग, लामलाई, जिरीबाम, लीमाखोंग और मोइरांग पुलिस थाना इलाकों में AFSPA लगाया था.
लग सकता है राष्ट्रपति शासन
16 नवंबर को सीएम एन बीरेन सिंह और 10 विधायकों के घरों पर हमले हुए. हालात बिगड़ते देख 5 जिलों में कर्फ्यू और 7 जिलों में इंटरनेट सर्विस बंद कर दी गई. कुछ मंत्रियों सहित भाजपा के 19 विधायकों ने बीरेन सिंह को हटाने की मांग करते हुए PMO को पत्र भी लिखा है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अगले दो-तीन दिन में हालात और बिगड़े तो प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लग सकता है.
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कैसे बिगड़े हालात
16 नवंबर को मणिपुर के जिरिबाम में बराक नदी के तट से दो महिलाओं और एक बच्चे का शव मिला था. शक है कि इन्हें 11 नवंबर को कुकी उग्रवादियों ने जिरीबाम से अपहृत किया था. 11 नवंबर को ही सुरक्षाबलों ने 10 बंदूकधारी उग्रवादियों को मार डाला था. जबकि कुकी-जो संगठन ने इन 10 लोगों को विलेज गार्ड बताया था. 15 नवंबर की रात भी एक महिला और दो बच्चों के शव मिले थे.