Chetna Borewell Rescue: लापरवाही ने ले ली मासूम की जान, 10 दिन बाद बोरवेल से निकली चेतना की लाश
Chetna Borewell Rescue: Chetna Borewell Rescue: साल का पहला दिन, लोग दुनिया भर में नए साल का जश्न मना रहे थे. लेकिन राजस्थान के एक परिवार पर 1 जनवरी अपने साथ दुखों का पहाड़ लेकर टूट पड़ा. पिछले 10 दिनों से बोरवेल में फंसी मासूम चेतना को बाहर तो निकाला गया, लेकिन जिंदा नहीं. 23 दिसंबर 2024 की दोपहर बोरवेल में गिरी चेतना को निकालने का काम अगले दिन से शुरू हो गया था. लेकिन प्रशासन की लापरवाही के कारण बच्ची को समय से बाहर नहीं निकाला जा सका.
सफेद कपडे में बाहर निकाली गई बच्ची
राजस्थान के कोटपूतली में 700 फीट गहरे बोरवेल में फंसी 3 साल की चेतना को आखिरकार बुधवार, 1 जनवरी को 10 दिन बाद सफेद कपड़े में लपेट कर बाहर निकाला गया. बाहर निकालने के तुरंत बाद ही चेतना के शव को अस्पताल ले जाया गया. जहां पर डॉक्टरों ने उसकी मौत की पुष्टि की. राजस्थान NDRF के चीफ योगेश मीणा के मुताबिक, बच्ची को अचेत अवस्था में निकाला गया है. जब उसे बाहर निकाला गया तो उस दौरान शरीर में कोई मूवमेंट नहीं था.
प्रशासन पर लापरवाही के आरोप
10 दिन चले रेस्क्यू ऑपरेशन में NDRF की टीम को काफी मशक्कत करनी पड़ी. रेस्क्यू टीम ने जिस बोरवेल में चेतना गिरी थी, उसके समानांतर एक सुरंग खोदकर 10 दिन बाद उसे बाहर निकाला. इससे पहले रेस्क्यू टीम ने बोरवेल के आसपास फिनायल का छिड़काव किया और कपूर जलाया, ताकि कोई अनहोनी हो तो उससे फैली बदबू से बचा जा सके.
देशी जुगाड़ में गुजरा दिन
मासूम चेतना 23 दिसंबर को सरुंड थाना क्षेत्र के बडियाली ढाणी में अपने पिता के कृषि फार्म में खेलते समय बोरवेल में गिर गई थी. शुरुआत में रिंग की मदद से बच्ची को बोरवेल से बाहर निकालने की कोशिश की गई, लेकिन उसे बाहर नहीं निकाला जा सका. इसके बाद मौके पर पाइलिंग मशीन लाई गई और बोरवेल के पास एक गढ़ा खोदना शुरू किया गया.
अधिकारियों ने बताया कि सोमवार तक NDRF और SDRF की रेस्क्यू टीमें ऑपरेशन पूरा कर बच्ची तक पहुंचने की उम्मीद कर रही थीं, लेकिन वे बच्ची को बचाने में सफल नहीं हो सके. अधिकारियों ने बताया कि जिस जगह पर बोरबेल है वहां चट्टानें हैं, जिससे ड्रिलिंग में काफी समस्याएं आईं.
बारिश से रेस्क्यू ऑपरेशन हुआ प्रभावित
बोरवेल में गिरने के एक दिन बाद, 24 दिसंबर की शाम से बच्ची का कोई मूवमेंट नजर नहीं आ रहा था. कोटपूतली-बहरोड़ जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल ने सोमवार को कहा था कि पत्थर की चट्टान और बारिश ने रेस्क्यू ऑपरेशन में चुनौती पैदा की है. बचाव अभियान में सख्त चट्टान को काटना टीम के लिए काफी चुनौतीपूर्ण हो रहा है.
शरीर की कंडीशन ठीक नहीं थी- डॉक्टर
बोरवेल से बाहर आने के बाद चेतना को अस्पताल ले जाया गया था. पीएमओ चैतन्य रावत ने बताया कि बच्ची जब यहां पर लाई गई तो उसकी जांच के लिए हमने में एक स्पेशल बेड तैयार किया था. बच्ची जीवित नहीं थी. इसलिए उसे मोर्चरी में शिफ्ट किया गया. बच्ची के शरीर की कंडीशन अच्छी नहीं थी. उसकी मौत कब हुई, पीएमआर में एक्सपर्ट ही बता पापाएंगे. तीन डॉक्टरों का बोर्ड बनाया गया है. जिसमें डॉ. प्रेमचंद्र, डॉ. हवा सिंह यादव और सर्चरी के इंचार्ज डॉ. हीरालाल शामिल हैं.
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मां ने लगाई थी गुहार
बोरवेल में गिरी चेतना की मां धोली देवी ने शनिवार को कहा कि वह भूख और प्यास से तड़प रही है. उसे अब तक बाहर नहीं निकाला गया है. अगर वह कलेक्टर की बच्ची होती तो क्या वह इतने दिनों तक उसे वहां रहने देतीं?
चेतना के बोरवेल में गिरने से लेकर बाहर निकालने का टाइमलाइन
- 23 दिसंबर: सोमवार की दोपहर करीब 1:30 बजे खेलते समय चेतना एक बोरवेल में गिर गई.
- 24 दिसंबर: बच्ची को 150 फीट गहरे गड्ढे से 30 फीट ऊपर खींच लिया गया. इसके बाद बच्ची वहां फंस गई.
- 25 दिसंबर: पाइलिंग मशीन से बचाव कार्य शुरू करने से पहले, JCB की मदद से गड्ढा खोदने का काम शुरू किया गया. लगातार गड्ढे में ऑक्सीजन पहुंचाई जा रही थी. हालांकि, मंगलवार शाम से बच्ची का मूवमेंट बंद हो गया था.
- 26 दिसंबर: उत्तराखंड से एक विशेष टीम को बुलाया गया, जिसके बाद पाइलिंग मशीन से लगातार खुदाई की गई. इस दौरान बारिश से बचाव कार्य प्रभावित रहा.
- 27 दिसंबर: रैट होल माइनर्स की टीम को भी मौके पर बुलाया गया.
- 28 दिसंबर: बोरवेल गड्ढे के बगल में 170 फीट गहरा गड्ढा खोदा गया. इसमें केसिंग डालने और खुदाई का काम भी पूरा कर लिया गया. NDRF की टीम सुरक्षा उपकरणों के साथ 90 डिग्री पर लगभग 10 फीट अंदर एक सुरंग बनाने के लिए उतरी.
- 29 दिसंबर: 170 फीट गहरा गड्ढा खोदकर एक एल-आकार की खुदाई गई.
- 30 दिसंबर: सुरंग की खुदाई का काम पूरा हुआ, लेकिन सुरंग से निकल रही अज्ञात गैस के कारण सांस लेने में मुश्किल हो रही थी.
- 31 दिसंबर: सुरंग खोदने के बावजूद बोरवेल का पता नहीं चल रहा था.
- 1 जनवरी: चेतना को आखिरकार बोरवेल से निकाल अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.