New Criminal Law: 302 नहीं रहेगी हत्या की धारा, होंगे कई बदलाव, 1 जुलाई से लागू होंगे तीन नए क्रिमिनल लॉ, केंद्र ने जारी किया नोटिफिकेशन

New Criminal law: भारतीय न्याय संहिता में इन कानूनों के लागू होने के बाद अब 20 नए अपराध जोड़े गए हैं, जबकि आईपीसी के 19 प्रावधानों को हटा दिया गया है.
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नए क्रिमिनल कानून (प्रतिकात्मक तस्वीर)

New Criminal law: केंद्र सरकार के ओर से तीन क्रिमिनल कानूनों को लेकर शनिवार को अधिसूचना जारी कर दी गई है. इस अधिसूचना के जारी होने के बाद अब राज्य में ये कानून 1 जुलाई से लागू होंगे. तीन क्रिमिनल कानून अब देश में ब्रिटिश काल से चल रहे आईपीसी और सीआरपीसी की जगह लेंगे. जो तीन नए कानून देश में एक जुलाई से लागू होंगे वो भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम हैं. नई भारतीय न्याय संहिता में हत्या के लिए 302 की जगह नया सेक्शन 101 होगा.

दरअसल, बीते साल शीतकालीन सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों से तीनों क्रिमिनल कानून पास हुए थे. संसद से पास होने के बाद इन कानूनों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंजूरी दे दी थी. राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद ही इन्हें कानून बना दिया गया था. अब ये तीनों ही कानून भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1972, आपराधिक प्रक्रिया संहिता 1973 और आईपीसी की जगह पर लागू होंगे. विशेषज्ञों की माने तो नए कानूनों के जरिए आतंकवाद, मॉब लिंचिंग और राष्ट्रीय सुरक्षा के खतरे से जुड़े मामलो में और अधिक सख्त सजा देने में मददगार होंगे.

अब 20 नए अपराध जोड़े गए

भारतीय न्याय संहिता में इन कानूनों के लागू होने के बाद अब 20 नए अपराध जोड़े गए हैं, जबकि आईपीसी के 19 प्रावधानों को हटा दिया गया है. इसके अलावा नए कानून के जरिए 33 अपराधों में सजा को बढ़ा दिया गया है. वहीं इस नए कानून में 83 प्रावधानों में अपराध पर जुर्माने की राशि को बढ़ा दिया गया है. गौरतलब है कि बीते दिनों एक साक्षात्कार के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि इन कानूनों के जरिए हम सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी केस तीन साल से अधिक न चले, तीन साल के अंदर ही कोर्ट का फैसला आ जाए.

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नए कानूनों के लागू होने से आईपीसी में 21 नए अपराध जोड़े गए हैं. आईपीसी में पहले 511 धाराएं थी लेकिन बीएनएस के तहत 358 धाराएं होगीं. पहले सीआईपीसी में 484 धाराएं थी लेकिन अब नागरिक सुरक्षा संहिता में 531 धाराएं होंगी. इसमें 177 धाराओं को बदला गया है. इंडियन एविडेंस एक्ट में पहले 167 धाराएं थीं. लेकिन अब भारतीय साक्ष्य संहिता के तहत केवल 170 धाराएं होगीं.

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