बिहार में नई सरकार बनने के बाद पहली बार पीएम मोदी से मिले Nitish Kumar, बोले- अब कभी NDA नहीं छोड़ेंगे

Nitish Kumar: सूत्रों के मुताबिक, नीतीश चाहते हैं कि बिहार विधानसभा को भंग कर दिया जाए ताकि विधानसभा चुनाव अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनाव के साथ हो सके.
nitish kumar and modi

बिहार के सीएम नीतीश कुमार और पीएम नोदी (फोटो- पीटीआई)

Nitish Kumar: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को नई दिल्ली में पीएम नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की. यह बिहार में एनडीए की सरकार बनने के बाद दोनों नेताओं की पहली मुलाकात थी. हाल ही में नीतीश कुमार ने विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन का साथ छोड़ दिया था और बीजेपी के साथ मिलकर बिहार में सरकार बनाई थी. इस मुलाकात के बाद नीतीश कुमार ने दोहराया कि अब फिर वह एनडीए का साथ नहीं छोड़ेंगे.

पीएम मोदी के साथ मुलाकात के बाद नीतीश कुमार ने गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात की. माना जा रहा है कि उन्होंने बिहार से संबंधित कई शासन और राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा की. इसके बाद मीडिया से बात करते हुए नीतीश कुमार ने 2013 में भाजपा के साथ संबंध तोड़ने से पहले, 1995 से भाजपा के साथ अपने जुड़ाव को याद किया.

अब एनडीए में ही रहेंगे- नीतीश

नीतीश ने कहा कि उन्होंने इसे (एनडीए) दो बार छोड़ा होगा, लेकिन अब ऐसा कभी नहीं करेंगे. उन्होंने कहा, “अब कभी नहीं. हम यहीं (एनडीए में) रहेंगे.” नीतीश सरकार के 12 फरवरी को विधानसभा में विश्वास मत का सामना करने से पांच दिन पहले उनकी बीजेपी के शीर्ष नेताओं से दिल्ली में मुलाकात हुई है. नीतीश कुमार ने आठ मंत्रियों के साथ शपथ ली थी, जिनमें भाजपा और जदयू के तीन-तीन मंत्री शामिल थे. वहीं अभी कैबिनेट का विस्तार होना है.

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सीट बंटवारे पर भी होनी है अभी बात

दोनों दलों को अभी कई मुद्दों को सुलझाना होगा, जिसमें उनके और उनके छोटे सहयोगियों के बीच चुनाव लड़ने के लिए सीटों का बंटवारा भी शामिल है. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा और जदयू ने बिहार में 17-17 सीट पर चुनाव लड़ा था, जबकि तत्कालीन लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने छह सीट पर चुनाव लड़ा था. इस वक्त लोजपा में दो गुट बन गए हैं और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा भी अब एनडीए का हिस्सा हैं.

सूत्रों के मुताबिक, नीतीश चाहते हैं कि बिहार विधानसभा को भंग कर दिया जाए ताकि विधानसभा चुनाव अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनाव के साथ हो सके. हालांकि, भाजपा इसको लेकर क्या सोचती है, ये अभी संकेत नहीं मिल रहे हैं. वहीं सीट बंटवारे के मुद्दे के बारे में पूछने नीतीश कुमार ने इसे अधिक तवज्जो नहीं देते हुए कहा कि भाजपा नेता इससे अवगत हैं.

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