Delhi Water Crisis: दिल्ली की जनता के लिए बुरी खबर! पानी देने के मुद्दे पर हिमाचल का यू-टर्न, SC से कहा- नहीं है हमारे पास अतिरिक्त जल
Delhi Water Crisis: भीषण गर्मी और जल संकट से जूझ रहे दिल्ली की जनता को एक और बड़ा झटका लगा है. दरअसल, हिमाचल प्रदेश की सरकार ने दिल्ली के लिए पानी छोड़ने को लेकर अपने हाथ खड़े कर दिए हैं. हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि राज्य में दिल्ली के लिए उनके पास अतिरिक्त पानी नहीं है. बता दें कि, कुछ दिनों पहले ही SC ने 6 जून को हिमाचल प्रदेश से दिल्ली के लिए 136 क्यूसेक पानी छोड़ने का आदेश दिया था.
हलफनामे में कुछ गड़बड़ी हुई है- हिमाचल
SC के निर्देश पर हिमाचल प्रदेश पानी छोड़ने के लिए तैयार हो गया था. इसके बाद 12 जून को हिमाचल सरकार की ओर से जानकारी दी गई कि पानी दिल्ली के लिए छोड़ दिया गया है. हरियाणा सरकार की ओर से पानी की सप्लाई करना बाकी है. इस बीच दिल्ली सरकार ने कहा कि पानी अभी तक पहुंचा ही नहीं. अब गुरुवार की सुनवाई में हिमाचल प्रदेश के एडवोकेट जनरल ने कहा कि उसकी ओर से दी गई हलफनामे में कुछ गड़बड़ी हुई है. ऐसे में वह अपना जवाब बदलना चाहते हैं. इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताई और हिमाचल सरकार को फटकार लगाई. कोर्ट ने हिमाचल सरकार से कहा कि बेहद संवेदनशील मुद्दे पर गलत जवाब दिया गया और इस पर कोर्ट की अवमानना का मुकदमा क्यों न चलाया जाए.
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अपर रिवर यमुना बोर्ड पर छोड़ गया फैसला
सुनवाई के दौरान SC ने अपर रिवर यमुना बोर्ड की बैठक बुलाने के आदेश जारी किए हैं. इस बैठक में मानवता के आधार पर दिल्ली को अतिरिक्त पानी दिए जाने के मुद्दे पर फैसला लिया जाएगा. साथ ही कोर्ट ने कहा कि अगर जरूरत हुई तो बोर्ड की बैठक रोज की जाएगी. साथ ही कोर्ट ने पानी देने का फैसला अपर रिवर यमुना बोर्ड पर छोड़ दिया है. जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस प्रसन्ना बी वराले की बेंच सुनवाई करते हुए कहा कि राज्यों के बीच यमुना नदी के जल का बंटवारा एक पेचीदा और काफी संवेदनशील मुद्दा है और दिल्ली, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के बीच जल-बंटवारे के नियम पर फैसला लेने की तकनीकी विशेषज्ञता नहीं है.