‘एक बेटा सपा, दूसरा बीजेपी में, फिर पिता को कांग्रेस में पद देना कितना सही?’, अधिवेशन में कांग्रेस नेता ने उठा दिए सवाल
आलोक मिश्रा, कांग्रेस नेता
Congress: 8 अप्रैल से गुजरात में शुरू हुए कांग्रेस अधिवेशन का आज दूसरा दिन है. कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन के दूसरे दिन प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान एक कांग्रेस नेता ने पार्टी में नियुक्ति पर सवाल खड़े किए. प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान AICC सदस्यों ने खुले मंच से संगठन की खामियों पर बात की और अपना-अपना पक्ष रखा. इस दौरान उत्तर प्रदेश के कांग्रेस नेता आलोक मिश्रा ने संगठन में नियुक्ति पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया.
आलोक ने दावा किया कि पार्टी ने एक ऐसा शहर अध्यक्ष बनाया है जिसका एक बेटा सपा में तो दूसरा बीजेपी में है. बुधवार को आलोक मिश्रा एआईसीसी के मंच पर अपना पक्ष रख रहे थे, तभी उन्होंने पार्टी हाईकमान का नाम लेते हुए उनसे सवाल पूछ दिया.
आलोक मिश्रा ने कहा- ‘एक वो कार्यकर्ता जो साल 1982 से कांग्रेस में है. आज कांग्रेस की दुहाई देता है और आपसे आह्वान करने आया है कि हम लोग बीजेपी से बाद में लड़ते हैं, पहले कांग्रेसी आपस में लड़ते हैं. एक बार तय कर लीजिए कि कोई भी फैसला, जो ऊपर से तय होकर आएगा, उसे हम सहर्ष स्वीकार करेंगे. तब तक आपस में नहीं लड़ेंगे, जब तक कांग्रेस पार्टी को सत्ता में नहीं ले आते हैं. पार्टी को सत्ता में लाकर ही दम लेंगे.’
मिश्रा ने पार्टी आलाकमान से पूछा सवाल
मिश्रा ने अधिवेशन के दौरान मंच पर राहुल गांधी से सवाल किया. उन्होंने कहा- ‘राहुल जी और खड़गे जी, मैं आपसे कहने आया हूं कि आप बीजेपी को हटाना चाहते हैं और कांग्रेस के अंदर जो बीजेपी के लोग हैं, उन्हें हटाना चाहते हैं तो मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि अगर कोई शहर अध्यक्ष है, जिसका एक लड़का सपा में हो और एक लड़का बीजेपी में हो… क्या वो शहर अध्यक्ष होने लायक है?
उन्होंने आगे कहा- ‘खड़गे जी, मैं आपसे पूछता हूं कि एक व्यक्ति जिसका एक लड़का समाजवादी पार्टी में है और दूसरा लड़का भारतीय जनता पार्टी में है, क्या वो शहर अध्यक्ष होने लायक है. अगर वो शहर अध्यक्ष होने लायक है तो हम भी आपको स्वीकार करते हैं. लेकिन एक बात और आपसे कहना चाहते हैं. आपने मुझे मौका दिया.’
आलोक मिश्रा ने कहा- ‘कानपुर में हमने 4 लाख 22 हजार वोट हासिल किए. ये मौका मुझे मिला, जो इतिहास में सन 1947 से किसी को नहीं मिला. मैं आपसे अनुरोध करने आया हूं कि शहर अध्यक्षों को जो आपने सत्ता दी है, हम उसे स्वीकार करते हैं. लेकिन उसके साथ-साथ ये भी फैसला कर लीजिए कि शहर या जिला अध्यक्ष जो भी होगा, वो चुनाव के लिए आवेदन नहीं करेगा. वो सिर्फ संगठन का काम करेगा. ये भी तय कर लीजिए. वरना हर शहर अध्यक्ष और हर जिला अध्यक्ष खुद चुनाव का कैंडिडेट बन जाएगा.ट
‘चुनाव जीतेंगे तो फैसला कर लेंगे’
उन्होंने यह भी कहा कि जिन लोगों ने 1982 से मेरी तरह कांग्रेस नहीं छोड़ी है, मैं आपको यहां वचन देता हूं कि मैं अपना सर्वस्व न्यौछावर करना चाहता हूं, आपके लिए और कांग्रेस पार्टी की सत्ता के लिए. मैं सबकुछ छोड़ना चाहता हूं. किसी तरह कांग्रेस सत्ता में आ जाए. जब सत्ता में आ जाए तो आपस में फैसला कर लेंगे. आलोक मिश्रा के संबोधन के दौरान खुद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी को ताली बजाते देखा गया.
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