Budget 2025: विपक्ष को रास नहीं आया केंद्र का बजट, कांग्रेस ने कहा- बजट में बिहार के अलावा किसी अन्य प्रदेश का नाम सुना क्या?
Budget 2025 को विपक्ष के नेता ने इसे 'चुनावी बजट' बता रहे हैं
Budget 2025: वित्त वर्ष 2025-26 का बजट आज लोकसभ में पेश किया गया. इसे देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया. इसमें टैक्सपेयर से लेकर बिहार तक को बड़ी सौगात दी गई है. केंद्र के इस बजट से जहां एक ओर मिडिल क्लास वर्ग खुश है तो वहीं विपक्ष न खुश नजर आ रहा है. विपक्ष को मोदी सरकार का ये बजट रास नहीं आया है. विपक्ष के नेता इसे चुनावी बजट बता रहे हैं.
बैसाखी परचल रही सरकार- मनीष तिवारी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से पेश किए गए बजट पर विपक्षी दलों से कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा, ‘मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि ये भारत सरकार का बजट है या बिहार सरकार का. वित्त मंत्री के पूरे बजट भाषण में क्या बिहार के अलावा किसी और राज्य का नाम सुना? जब आप देश के बजट की बात करते हैं तो उसमें पूरे देश के लिए कुछ होना चाहिए. यह दुखद है कि जिस बैसाखी पर सरकार चल रही है उसे स्थिर रखने के लिए देश के बाकी हिस्सों के विकास को दांव पर लगा दिया गया है.’
महाकुंभ भगदड़ में जान गंवाने वालों का आंकड़ा दे सरकार- अखिलेश यादव
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने महाकुंभ में हुए भगदड़ का जिक्र करते हुए कहा, ‘हमारे लिए आज बजट के आंकड़ों से ज्यादा जान गंवाने वालों के आंकड़े महत्वपूर्ण हैं. जो सरकार जान गंवाने वालों, लापता लोगों के आंकड़े नहीं दे सकी… जिस सरकार को ये बताने में 17 घंटे से ज्यादा लग गए कि भगदड़ मची, लोगों की जान चली गई… जिनके पास ये सपना नहीं है, विजन नहीं है कि महाकुंभ के लिए कितना इंफ्रास्ट्रक्चर होना चाहिए, जब 40 करोड़ लोगों के लिए व्यवस्था करनी थी, तो आपने क्या व्यवस्था की? ये सरकार झूठी है, जो सरकार महाकुंभ का आयोजन नहीं कर सकती, आज के बजट में उसका हर आंकड़ा झूठा है.’
बिहार में हर साल चुनाव होते तो बेहतर होता- प्रियंका चतुर्वेदी
शिवसेना (UBT) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने बजट पर कहा, ‘… पिछले 10 सालों से मध्यम वर्ग की मांग रही है कि हम अपनी सैलरी से ज़्यादा टैक्स देते हैं. आज आखिरकार उनकी मांगें सुनी गई हैं, इसलिए मैं इसका स्वागत करती हूं. वहीं, बिहार के लोग सोच रहे होंगे कि अगर बिहार में हर साल चुनाव होते तो बेहतर होता. बिहार में चुनाव आ रहे हैं, यह दो तरह से पता चलता है जब ध्रुवीकरण शुरू होता है और जब आम आदमी के लिए बजट घोषित होता है.’
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10 सालों का सबसे कमजोर बजट- गौरव गोगोई
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने भी बजट पर तंज कसा. उन्होंने कहा, ‘… समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, INDIA गठबंधन दलों ने महाकुंभ में हुई मौतों के मुद्दे पर सदन से वॉकआउट किया. यह वही पुराना बजट है जो हम पिछले 10 सालों से सुनते आ रहे हैं. इसमें न तो गरीब, न किसान और न ही मध्यम वर्ग को कुछ मिलता है. आज का बजट पिछले 10 सालों का सबसे कमजोर बजट रहा है. उन्होंने स्पष्ट रूप से 12 लाख रुपये तक की आय पर कर छूट की कोई जानकारी नहीं दी, यह सरकार का पुराना तरीका है कि वे कुछ दिखाते हैं और जब हम विस्तार से देखते हैं, तो हमें पता चलता है कि कुछ नहीं मिला.