Pakistan Election: चुनाव के नतीजों के बाद पाकिस्तान में सरकार बनाने के लिए जोड़तोड़ की कवायद तेज, सेना ने दिया बड़ा बयान
Pakistan Election: गुरुवार, 8 फरवरी को पाकिस्तान में आम चुनाव हुए. लगभग दो दिन की मतगणना के बाद घोषित परिणामों ने इसे पाकिस्तान के सबसे विवादास्पद चुनावों में एक बना दिया. इस चुनाव में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी के उम्मीदवारों ने बड़ी जीत हासिल की. वहीं पीएमएल-एन और तीन बार के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की क्लीन स्वीप की उम्मीदों पर पानी फिर गया. ऐसे में पाकिस्तान में सरकार बनाने को लेकर पार्टियों की हलचल तेज हो गई है. दूसरी ओर पाकिस्तानी सेना ने भी चुनाव को लेकर बड़ा बयान दिया है.
इमरान खान ने दर्ज की बड़ी जीत
शनिवार, 10 फरवरी को देर रात तक अंतिम परिणाम आने के बाद स्वतंत्र उम्मीदवारों जिनमें से अधिकांश इमरान खान के नेतृत्व वाले तहरीक-ए-इंसाफ(PTI) पार्टी के वफादार हैं, उन्होंने 101 नेशनल असेंबली सीटें जीती. वहीं पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज (PML-N) ने 74 सीटों पर जीत दर्ज की. इसके साथ ही बिलावल भुट्टो जरदारी के नेतृत्व वाली पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) 54 सीटों के साथ तीसरे स्थान पर रही. बाकी की सीटों पर अन्य पार्टियों ने जीत दर्ज की. बता दें कि यह आंकड़े पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) की ओर से दिए गए हैं. बता दें कि प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को 266 सदस्यीय नेशनल असेंबली में 169 सीटों का साधारण बहुमत प्रदर्शित करना होगा.
उम्मीदवारों की खरीद-फरोख्त तेज
पाकिस्तान में आम चुनावों के बाद किसी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने के कारण पाकिस्तानी राजनीतिक दिग्गजों के बीच जोड़तोड़ की कवायद तेज हो चुकी है. वहीं अब जीत दर्ज करने वाले उम्मीदवारों की खरीद-फरोख्त की भी सूचना मिल रही है. वहीं इससे पहले शुक्रवार देर रात बिलावल भुट्टो जरदारी और उनकी पार्टी के सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी ने लाहौर में नवाज शरीफ से मुलाकात की. बैठक में देश में राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता हासिल करने के लिए दोनों पक्षों को मिलकर काम करने पर सहमति बनी. हालांकि दोनों के बीच अभी गठबंधन पर आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है.
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सेना प्रमुख जनरल मुनीर ने दिए गठबंधन के संकेत
पाकिस्तान में मौजूदा सियासी संकट पर पाकिस्तानी सेना ने बड़ा बयान दिया. सेना प्रमुख जनरल सैयद असीम मुनीर ने पाकिस्तानी राजनीतिक दलों से एक एकीकृत सरकार बनाने का आह्वान किया. उन्होंने दावा किया नई गठबंधन की सरकार से देश को अराजकता और ध्रुवीकरण की राजनीति से आगे बढ़ने में मदद मिलेगी. हालांकि जनरल असीम मुनीर की टिप्पणी को नवाज शरीफ के प्रधानमंत्री बनाने से जोड़कर देखा जा रहा है. ऐसा इसलिए भी है कि शरीफ को सेना के समर्थन मिला था. बता दें कि वर्ष 1947 में भारत से विभाजन के बाद से लगभग पाकिस्तान के आधे इतिहास में सेना के जनरलों ने देश को चलाया है.
43 मतदान केंद्रों पर दोबारा मतदान के आदेश
बताते चलें कि पाकिस्तानी चुनाव आयोग ने आम चुनावों के दौरान मतदान सामग्री छीनने, मतदान केंद्रों पर आगजनी जैसी घटनाओं के बाद तीन राष्ट्रीय और प्रांतीय निर्वाचन क्षेत्रों में 43 मतदान केंद्रों पर दोबारा मतदान का आदेश दिया. पाकिस्तान में चुनाव के दिन हिंसा की 56 घटनाएं हुई. जिसमें 16 लोग मारे गए और 54 लोग घायल हो गए. वहीं पाकिस्तान में चुनाव वाले दिन मोबाइल सेवाओं को दिन भर के लिए निलंबित किया गया था. इसके साथ ही पाकिस्तान में हुए चुनाव और हिंसा पर संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ जैसे देशों ने बयान जारी कर चुनावी प्रक्रिया के बारे में अलग-अलग चिंताएं व्यक्त की हैं.
PTI का आरोप कई जगह जीत को बदला हार में
पिछले कई महीनों से जेल में बंद और सैकड़ों मामलों में आरोपों का सामना कर रहे इमरान खान इस चुनाव में जीत से हैरान कर दिया. परिणाम आने के बाद इमरान खान की पार्टी की ओर से शनिवार को जारी एक AI-जेनरेटेड वीडियो में उन्हें चुनाव में जीत का दावा करते हुए दिखाया गया. इसके साथ ही उनकी पार्टी ने कहा कि बहुमत नहीं होने के बाद भी गठबंधन की सरकार बनाने के लिए प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नवाज शरीफ की पेशकश में उन्हें कोई दिलचस्पी नहीं है. पार्टी ने दावा कि की वह अकेले सरकार बनाएंगे. वहीं पीटीआई की अध्यक्ष गौहर खान ने आरोप लगाया कि पार्टी की 22 नेशनल असेंबली सीटों की जीत को हार में बदल दिया गया है, जिनमें इस्लामाबाद की तीन, सिंध की चार और पंजाब प्रांत की 15 सीटें शामिल हैं.
पंजाब के कई शहरों में हारे नवाज शरीफ
वहीं चुनाव से पहले कई सर्वे में दावा किया जा रहा था कि नवाज शरीफ इस चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें जीतेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. परिणामों में नवाज शरीफ को निराश कर दिया. इसका मतलब है कि पीएमएल-एन अपने दम पर सरकार नहीं बना सकती. पाकिस्तान के मुख्य प्रांत पंजाब में सिर्फ पीएमएल-एन की सरकार बनने की संभावना है. बताते चलें कि पूरे शरीफ परिवार में से सिर्फ छह सदस्यों ने अपनी सीटें जीती हैं. वहीं खुर्रम दस्तगीर और राणा सनाउल्लाह जैसे पीएमएल-एन के कई प्रमुख नेता हार गए हैं. चुनाव के परिणामों में गुजरांवाला, फैसलाबाद और शेखुपुरा सहित पंजाब के प्रमुख शहरों में मिली हार ने पीएमएल-एन के ग्रैंड ट्रंक रोड की पहचान खत्म कर दी.