Pariksha Pe Charcha: ‘द्वेष करने की जरूरत नहीं, खुद से करनी है स्पर्धा’, छात्रों को पीएम मोदी की सलाह, जानिए क्या कहा
Pariksha Pe Charcha: देश में अलग-अलग बोर्डस और कई प्रतियोगिताओं की परीक्षा अगले कुछ महीने के दौरान होने वाली है. इन परीक्षाओं से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने बच्चों के साथ ‘परीक्षा पर चर्चा’ की है. ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम के दौरान छात्रों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने सलाह भी दी और कई पहुलों पर चर्चा की.
पीएम मोदी ने सलाह देते हुए कहा, ‘आपके दोस्त से आपको किस चीज की स्पर्धा है? मान लीजिए 100 नंबर का पेपर है. आपका दोस्त अगर 90 नंबर ले आया तो क्या आपके लिए 10 नंबर बचे? आपके लिए भी 100 नंबर हैं. आपको उससे स्पर्धा नहीं करनी है आपको खुद से स्पर्धा करनी है. उससे द्वेष करने की जरूरत नहीं है. असल में वो आपके लिए प्रेरणा बन सकता है. अगर यही मानसिकता रही तो आप अपने से तेज तरार व्यक्ति को दोस्त ही नहीं बनाएंगे.’
#WATCH दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “आपके दोस्त से आपको किस चीज की स्पर्धा है? मान लीजिए 100 नंबर का पेपर है। आपका दोस्त अगर 90 नंबर ले आया तो क्या आपके लिए 10 नंबर बचे? आपके लिए भी 100 नंबर हैं। आपको उससे स्पर्धा नहीं करनी है आपको खुद से स्पर्धा करनी है… उससे… pic.twitter.com/n63756lns7
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 29, 2024
विद्यार्थी बदले शिक्षक नहीं बदलते
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘परीक्षा पे चर्चा का ये सांतवा एपिसोड है. ये प्रश्न हर बार आया है और अलग-अलग तरीके से आया है. इसका मतलब ये है कि सात सालों में सात अलग-अलग बैच इन परिस्थितियों से गुजरे हैं और हर नए बैच को भी इन्हीं समस्याओं का भी सामना करना पड़ रहा है. विद्यार्थियों के बैच बदलते हैं लेकिन शिक्षकों के बैच नहीं बदलते. यदि शिक्षकों ने मेरे अब तक के एपिसोड्स की बातों का कुछ न कुछ अपने स्कूल में संबोधन किया हो तो शायद हम इस समस्या को धीरे-धीरे कम कर सकते हैं.’
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उन्होंने कहा, ‘आप उस स्थान पर आए हैं, जहां भारत मंडपम के प्रारंभ में दुनिया के सभी बड़े-बड़े दिग्गज नेताओं ने दो दिन बैठकर विश्व के भविष्य की चर्चा की थी और आज आप भारत के भविष्य की चिंता अपनी परीक्षाओं की चिंताओं के साथ-साथ करने वाले हैं. एक प्रकार से परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम मेरे लिए भी परीक्षा होता है. आपमें से बहुत से लोग हैं जो हो सकता है मेरी परीक्षा लेना चाहते हों.’