Ratan Tata को याद कर रहा देश, पीएम मोदी, अंबानी-अडानी और महिंद्रा ग्रुप ने ऐसे दी श्रद्धांजलि

पीएम नरेंद्र मोदी ने रतन टाटा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया. पीएम मोदी ने कहा, "रतन टाटा का सबसे अनूठा गुण था बड़े सपने देखना और समाज को कुछ लौटाने की उनकी इच्छा. उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता और पशु कल्याण जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया."
Ratan Tata

रतन टाटा

Ratan Tata: भारत के महान उद्योगपतियों में से एक, रतन टाटा अब नहीं रहे. बुधवार रात को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में रतन टाटा ने अंतिम सांस ली. रतन टाटा के निधन के बाद पूरे देश में शोक की लहर है और सभी लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं. टाटा ग्रुप ने अपने आधिकारिक X पोस्ट के जरिए रतन टाटा को विदाई दी. ग्रुप ने कहा, “हम रतन नवल टाटा को गहरे दुख के साथ विदाई दे रहे हैं. वे एक असाधारण व्यक्तित्व थे, जिनके योगदान ने न केवल टाटा ग्रुप को, बल्कि पूरे राष्ट्र को आकार दिया.”

पीएम नरेंद्र मोदी ने रतन टाटा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया. पीएम मोदी ने कहा, “रतन टाटा का सबसे अनूठा गुण था बड़े सपने देखना और समाज को कुछ लौटाने की उनकी इच्छा. उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता और पशु कल्याण जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया.” पीएम मोदी ने रतन टाटा के साथ अपने व्यक्तिगत संबंधों को याद करते हुए कहा कि जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब रतन टाटा से उनकी नियमित मुलाकातें होती थीं. उन्होंने कहा, “उनसे विचारों का आदान-प्रदान करना हमेशा सार्थक रहा. उनके निधन से मुझे व्यक्तिगत तौर पर बहुत दुख हुआ है.”

रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने भी रतन टाटा को याद करते हुए कहा, “रतन टाटा का निधन भारत और भारतीय उद्योग जगत के लिए एक बड़ी क्षति है. उन्होंने टाटा ग्रुप को वैश्विक पहचान दिलाई और उनके दूरदर्शी नेतृत्व ने समाज की भलाई के लिए अभूतपूर्व योगदान दिया. रतन टाटा के साथ मेरी हर मुलाकात प्रेरणादायक रही. उन्होंने हमेशा दूसरों की भलाई के लिए प्रयास किया.”

अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने रतन टाटा के निधन पर कहा, “भारत ने एक दिग्गज को खो दिया है. रतन टाटा केवल एक व्यापारिक नेता नहीं थे, उन्होंने भारत की भावना को ईमानदारी, करुणा और समाज की भलाई के प्रति अटूट समर्पण के साथ मूर्त रूप दिया. उनका योगदान सदैव याद किया जाएगा.”

महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने कहा, “रतन टाटा की अनुपस्थिति को स्वीकार करना कठिन है. वे एक ऐसे समय में गए हैं जब भारतीय अर्थव्यवस्था ऐतिहासिक प्रगति के दौर में है और उनका योगदान इस दिशा में अद्वितीय रहा है. उनका दृष्टिकोण और नेतृत्व इस समय हमारे लिए और भी मूल्यवान होता. उनके जाने के बाद हम बस यही कर सकते हैं कि उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलने के लिए प्रतिबद्ध रहें.”

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