कतर से वापस लौटे पूर्व नौसैनिक, रिहाई के बाद बोले- अगर पीएम मोदी दखल नहीं देते, भारत नहीं पहुंच पाते

Indian Navy Veterans News: नौसैनिकों की रिहाई को भारत की सबसे बड़ी कूटनीतिक जीत माना जा रहा है.
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कतर में मौत की सजा पाने वाले आठ पूर्व भारतीय नौसेना कर्मी आखिरकार रिहा

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कतर में मौत की सजा पाने वाले आठ पूर्व भारतीय नौसेना कर्मी आखिरकार रिहा हो गए. नौसैनिकों की रिहाई को भारत की सबसे बड़ी कूटनीतिक जीत माना जा रहा है. अपनी रिहाई के बाद सुरक्षित भारत लौटने पर नौसेना कर्मियों ने भारत की सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसका श्रेय दिया. उन्होंने कहा कि यह सरकार और पीएम मोदी के अथक प्रयासों का नतीजा है, जिससे वह सभी लोग सुरक्षित भारत लौट पाए.

‘लगभग 18 महीने तक इंतजार किया’

सोमवार, 12 फरवरी की देर रात कथित तौर पर जासूस के आरोप में गिरफ्तार किए गए सभी आठ भारतीयों को कतर ने को रिहा कर दिया. इसके बाद आठ में से सात नौसैनिक भारत लौट आए हैं. कतर से लौटे एक भारतीय पूर्व नौसेना कर्मी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘भारत वापस आने के लिए हम लोगों ने लगभग 18 महीने तक इंतजार किया. इसके लिए हम प्रधानमंत्री मोदी के बेहद आभारी हैं. यह उनके व्यक्तिगत हस्तक्षेप के बिना संभव नहीं था. हम भारत सरकार की ओर से किए गए हर प्रयास के लिए आभारी हैं, उन प्रयासों के बिना यह दिन संभव नहीं था.’

अलदहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज और कंसल्टेंसी सर्विसेज में कर रहे थे काम

पूर्व भारतीय नौसैनिकों की रिहाई पर विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘सरकार कतर में हिरासत में लिए गए दहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम करने वाले 8 भारतीय नागरिकों की रिहाई का स्वागत करती है. उन आठ में सात नागरिक भारत लौट आए हैं. हम इन नागरिकों की रिहाई और घर वापसी के लिए कतर के अमीर के फैसले की सराहना करते हैं.’ बता दें कि अलदहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज और कंसल्टेंसी सर्विसेज कंपनी में काम करने वाले पूर्व भारतीय नौसैनिकों को भ्रष्टाचार और जासूसी के मामले में शामिल होने का कथित आरोप लगाया गया. इसके बाद सभी को अगस्त 2022 में गिरफ्तार कर लिया गया. भारत सरकार ने इस मसले पर गंभीरता जताई और कतर सरकार के साथ बातचीत कर उन्हें कानूनी मदद दी गई.

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कई जमानत याचिकाओं को कोर्ट ने किया था खारिज

पूर्व नौसैनिक अधिकारियों ने अक्टूबर 2022 में दोहा में भारतीय राजदूत से मुलाकात की और उसके बाद उन्होंने अपने रिश्तेदारों से बात की. मार्च 2023 में पूर्व नौसैनिकों की ओर से दायर कई जमानत याचिकाओं में से आखिरी याचिका को खारिज कर दिया गया. उसी महीने उन पूर्व अधिकारियों के खिलाफ कतर कोर्ट ट्रायल शुरू की. इसके बाद कोर्ट ने 26 अक्टूबर को मौत
की सजा सुनाई थी.

रिहा किए गए आठ पूर्व नौसैनिक के नाम

कतर की ओर से रिहा किए गए भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों में कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ का नाम शामिल है. इसके साथ ही कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल और नाविक रागेश को कतर ने रिहा किया है. यह सभी कतर के अलदाहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी कंपनी में काम कर रहे थे. यह कंपनी एक सर्विसेज और रक्षा सेवा प्रदान करने वाली कंपनी है.

पीएम मोदी-अमीर की मुलाकात के बाद मिली थी राहत

बता दें कि बीते साल 1 दिसंबर को दुबई में COP-28 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमाद अल-थानी ने मुलाकात की. दोनों की बैठक के बाद पूर्व नौसैनिकों की सजा को कम किया गया था. कतर अमीर के साथ मुलाकात में पीएम मोदी ने पूर्व अधिकारियों के मामले पर गंभीरता से बात की. वहीं पूर्व नौसैनिकों के मुद्दे पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने भी उनके परिवार के सदस्यों से मुलाकात की थी. इस दौरान उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया था.

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