Rahul Gandhi: ‘स्मृति ईरानी के खिलाफ न करें अभद्र भाषा का इस्तेमाल’, राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं को दी नसीहत

Rahul Gandhi: उत्तर प्रदेश की अमेठी लोकसभा सीट से हारने के बाद स्मृति ईरानी को सोशल मीडिया पर लगातार ट्रोल किया जा रहा था. इस सीट से कांग्रेस नेता किशोरी लाल शर्मा ने उन्हें भारी अंतर से हराया. इससे पहले वाले लोकसभा चुनाव 2019 में स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को हराया था.
Rahul Gandhi on Smriti Irani

कांग्रेस नेता राहुल गांधी और स्मृति ईरानी

Rahul Gandhi On Smriti Irani: पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता स्मृति ईरानी भद्दे और अभद्र कमेंट करने वालों को रायबरेली से सांसद राहुल गांधी ने वॉर्निंग देते हुए कहा कि ऐसा बिल्कुल न करें. उन्होंने कहा कि जिंदगी में हार जीत लगी रहती है, लेकिन किसी को अपमानित करना कमजोरी की निशानी है, ताकत की नहीं. इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस नेताओं को चेतावनी देते हुए ये भी कहा कि कोई भी नेता स्मृति ईरानी के बारे में भला बुरा न कहे.

कांग्रेस नेता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “जीवन में हार-जीत तो होती रहती है. मैं सभी से आग्रह करता हूं कि वे स्मृति ईरानी या किसी अन्य नेता के प्रति अपमानजनक भाषा का प्रयोग करने और बुरा व्यवहार करने से बचें. लोगों को अपमानित करना और उनका अपमान करना कमजोरी की निशानी है, न कि मजबूती की.”

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राहुल गांधी को क्यों देनी पड़ी नसीहत

दरअसल, उत्तर प्रदेश की अमेठी लोकसभा सीट से हारने के बाद स्मृति ईरानी को सोशल मीडिया पर लगातार ट्रोल किया जा रहा था. इस सीट से कांग्रेस नेता किशोरी लाल शर्मा ने उन्हें भारी अंतर से हराया. इससे पहले वाले लोकसभा चुनाव 2019 में स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को हराया था. इस बार जब स्मृति ईरानी अमेठी से हार गईं तो उन्हें ट्रोल किया जाने लगा. साथ ही उनके बंगला खाली करने को लेकर भी उन्हें निशाने पर लिया गया.

राहुल के पोस्ट पर लोगों ने दी प्रतिक्रिया

राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर जो अपील वाली पोस्ट डाली है, उस पर यूजर्स और उनके समर्थकों ने कमेंट भी किया. एक यूजर ने लिखा कि डन सर, लेकिन ये लोग आपके और हमारे प्रति ज्यादा भयानक बातें करते थे. फिर भी आपने कहा है तो अच्छा है. वहीं, एक अन्य यूजर ने लिखा, राहुल गांधी जी ने सही कहा. लोगों को किसी महिला को संबोधित करते समय सावधान रहना चाहिए, राजनीतिक मतभेद किसी को बदनाम करने या नीचा दिखाने की परमिशन नहीं देते. राजनीतिक मतभेदों की हमेशा नैतिक मूल्यों को बरकरार रखते हुए आलोचना की जानी चाहिए.

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