रूस ने खारिज की पाकिस्तान के साथ अरबों डॉलर की डील की रिपोर्ट्स, भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी को बताया अटूट
पाकिस्तान ने फैलाइ फर्जी खबर
India-Russia Relations: हाल ही में पाकिस्तानी मीडिया में दावे किए गए थे कि रूस और पाकिस्तान के बीच कराची में सोवियत युग के स्टील प्लांट को पुनर्जनन के लिए 2.6 अरब डॉलर की मेगा डील हुई है. रूस और पाक के बीच हुई इस डील की खबरों ने भारत में चिंता पैदा कर दी. ऐसा इसलिए, क्योंकि रूस को भारत का बढ़िया दोस्त और मजबूत सहयोगी है. इसके साथ ही रूस ने पहलगाम हमले के बाद भारत द्वारा पाकिस्तान पर की गई कार्रवाई पर उसने अपना समर्थन भी दिया था.
भारत-रूस को कमजोर करने की साजिश
इसी बीच अब ये खबर सामने आ रही है कि रूस ने पाकिस्तानी मीडिया के उस दावे को खारिज और झूठा बताया है जिसमें 2.6 अरब डॉलर की मेगा डील की बात कही गई थी. रुस ने इन दावों को सिरे से खारिज करते हुए इसे ‘फर्जी’ और ‘मनगढ़ंत’ करार दिया है. रूसी अधिकारियों और मीडिया ने स्पष्ट किया कि ऐसी कोई डील नहीं हुई है और ये खबरें भारत-रूस के बीच रणनीतिक साझेदारी को कमजोर करने की साजिश का हिस्सा हैं.
फर्जी खबर फैला रही पाक मीडिया
रूसी मीडिया स्पुतनिक ने कहा- ‘रूस और पाकिस्तान के बीच 2.6 अरब डॉलर की डील की खबरों में विश्वसनीय स्रोतों का अभाव है. दोनों देशों के बीच बातचीत हुई थी, लेकिन कोई ठोस सबूत नहीं है कि इतने बड़े पैमाने का कोई समझौता हुआ.’ रूस ने यह भी बताया कि इन खबरों की शुरुआत निक्केई एशिया की एक रिपोर्ट से हुई थी, जिसे 2022 में रूस में प्रतिबंधित कर दिया गया था. रूसी अधिकारी ने इसे ‘सनसनीखेज और अतिशयोक्तिपूर्ण’ बताते हुए कहा कि इसका उद्देश्य भारत के साथ रूस के रिश्तों को नुकसान पहुंचाना है.
यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है, जब भारत और पाकिस्तान के बीच पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद तनाव बढ़े हुए हैं. ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था, जिसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया. रूस ने इस दौरान भारत का परोक्ष समर्थन किया और शांति की अपील की, लेकिन पाकिस्तानी मीडिया ने इसे रूस-पाकिस्तान संबंधों के रूप में बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया.
जानबूझकर गलत सूचनाएं फैलाने की कोशिश
रूस ने अपने बयान में भारत के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी को ‘समय की कसौटी पर खरा’ बताया और कहा कि कुछ ताकतें जानबूझकर गलत सूचनाएं फैलाकर इसे कमजोर करने की कोशिश कर रही हैं. रूसी प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा- ‘भारत हमारा रणनीतिक साझेदार है, और पाकिस्तान के साथ हमारे संबंध अलग संदर्भ में हैं. इन्हें एक साथ जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए.’
कोई समझौता नहीं हुआ
पाकिस्तानी मीडिया के दावों के अनुसार, यह डील कराची में 1970 के दशक में सोवियत संघ द्वारा डिजाइन और वित्तपोषित पाकिस्तान स्टील मिल्स (PSM) को पुनर्जनन करने के लिए थी. यह प्लांट 2015 से बंद पड़ा है और इसके पुनरुद्धार से पाकिस्तान के स्टील आयात बिल में 30% तक की कमी आने की बात कही गई थी. हालांकि, रूस ने स्पष्ट किया कि ऐसी कोई परियोजना या समझौता मौजूद नहीं है.
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भारत ने इस मामले पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह डील, अगर सच होती, तो भारत के लिए रणनीतिक रूप से चिंताजनक हो सकती थी. हालांकि रूस और भारत के बीच सैन्य और औद्योगिक सहयोग, जैसे कि INS तमाला युद्धपोत और ब्रह्मोस एयरोस्पेस यूनिट, अभी भी मजबूत हैं. रूस ने हाल ही में भारत को S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की आपूर्ति पूरी की है, जो दोनों देशों के बीच गहरे रिश्तों का प्रतीक है.