Sandeshkhali Violence: संदेशखाली हिंसा पर बवाल, सभी रास्ते सील, ड्रोन से निगरानी, अस्पताल से डिस्चार्ज हुए सुकांता मजूमदार, केंद्र दे सकता है दखल
Sandeshkhali Violence: पश्चिम बंगाल के संदेशखाली हिंसा का मामला अब तूल पकड़ चुका है. टीएमसी और सीएम ममता बनर्जी को घेरने के लिए पूरी विपक्ष एकजुट नजर आ रहा है. वहीं संदेशखाली जाने के हर रास्ते बंद कर दिए गए हैं और पुलिस ड्रोन से इलाके की निगरानी कर रही है. वहीं पुलिस की लाठीचार्ज में घायल बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार को भी अस्पताल से छुट्टी मिल गई है.
पश्चिम बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष सुकांता मजूमदार को कोलकाता के अपोलो अस्पताल से छुट्टी मिल गई है. 14 फरवरी को बशीरहाट में पुलिस और पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़प में पुलिस लाठीचार्ज के दौरान घायल होने के बाद सुकांता मजूमदार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. लेकिन शनिवार को उन्हें अस्पताल से छूट्टी मिल गई है.
कोलकत्ता के लगभग 80 किमी दूर संदेशखाली में बशीरहाट ब्लॉक में है. यहां महिलाओं को शोषण के खिलाफ विपक्षी दलों ने के नेताओं का आना जारी है. लेकिन उनके आने पर ममता बनर्जी की सरकार ने रोक लगा दिया है. सभी रास्तों पर पुलिस और आरएएफ का कड़ा पहरा लगा हुआ है. रास्ते लीक कर दिए गए हैं और ड्रोन से लगातार निगरानी हो रही है.
महीनों और सालों से ये सिलसिला चल रहा- कांग्रेस
इस मामले पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “पुलिस और सत्तारूढ़ पार्टी के अपराधी मिलकर उन (महिलाओं) पर अत्याचार कर रहे हैंय. आज से नहीं महीनों और सालों से ये सिलसिला चल रहा है.” केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि संदेशखाली में जो अत्याचार हुआ है, इसकी जांच होनी चाहिए. इसके लिए TMC सरकार ज़िम्मेदारी है, उन्हें सतर्क रहने की आवश्यकता थी. इसे RSS से जोड़ना ठीक नहीं है.
भाजपा सांसद कविता पाटीदार ने कहा, “एक महिला मुख्यमंत्री के होते हुए यहां बहनों पर अत्याचार होना, उन्हें घर से उठा ले जाना, उन्हें बंदी बनाकर उनके साथ दुराचार करना मानवता की हत्या करने के बराबर है. हम सब संदेशखाली जाने के लिए आए हैं. पश्चिम बंगाल में बहनों के साथ इतना अत्याचार होना गलत है और हम इसकी निंदा करते हैं.”