Sengol Controversy: संसद में सेंगोल, एक बार फिर उठा विवाद, सपा ने उठाया सवाल, सीएम योगी ने किया पलटवार
Sengol Controversy: 18वीं लोकसभा के पहले सत्र की शुरुआत हो चुकी है. सभी नवनिर्वाचित सांसदों ने प्रोटेम स्पीकर भृतहरि महताब की अध्यक्षता में शपथ भी ले लिया और बीजेपी सांसद ओम बिरला ने लोकसभा अध्यक्ष का पदभार भी संभाल लिया है. सत्र की शुरुआत होते ही विपक्ष का हंगामा भी शुरू हो गया है. तमाम मुद्दों पर विपक्ष मुखर होकर अपनी आवाज उठा रहा है. इसी बीच नए संसद भवन में स्थापित सेंगोल पर भी विवाद शुरू हो गया. दरअसल समाजवादी पार्टी के सांसद आरके चौधरी ने लोकसभा सदस्य की शपथ लेने के बाद सेंगोल पर सवाल उठा दिया और सेंगोल की जगह संविधान की प्रति स्थापित करने की मांग की है. आरके चौधरी ने अध्यक्ष और प्रोटेम स्पीकर को चिट्ठी लिख कर सेंगोल पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने स्पीकर को लिखी चिट्ठी में कहा कि सेंगोल राजा महाराजाओं का प्रतीक है.
सेंगोल देखकर मैं चकित रह गया- आरके चौधरी
उत्तर प्रदेश की मोहनलालगंज लोकसभा सीट से सपा सांसद आरके चौधरी ने अपने पत्र में लिखा, “सदन में पीठ के दाहिने स्थापित सेंगोल देखकर मैं आश्चर्यचकित रह गया”. उन्होंने कहा कि सेंगोल राजतंत्र का प्रतीक है. प्रोटेम स्पीकर को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि, “हमारी संसद लोकतंत्र का मंदिर है किसी राजे-रजवाड़े का राज महल नहीं”. आरके चौधरी ने कहा है कि, “सेंगोल हटाकर उसकी जगह भारतीय संविधान की विशालकाय प्रति स्थापित की जाए. संविधान हमारी लोकतंत्र का एक पवित्र ग्रन्थ है”.
सपा के समर्थन में आई आरजेडी
सेंगोल को लेकर सपा सांसद के विरोध करने के बाद अब राजद भी उसके समर्थन में आ गई है. राजद सांसद मीसा भारती ने आरके चौधरी का समर्थन करते हुए कहा है कि, “इसे हटा दिया जाना चाहिए क्योंकि भारत एक लोकतांत्रिक देश है”. मीसा ने कहा कि सेंगोल को संग्रहालय में रखा जाना चाहिए जहां लोग आकर इसे देख सकें. वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. अखिलेश यादव ने कहा कि आरके चौधरी ने ऐसा इसलिए कहा होगा क्योंकि पीएम मोदी जब शपथ लेने गए थे तो सेंगोल को प्रणाम नहीं किया था इसलिए यह भावना आई कि सेंगोल को संसद से हटाना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार को संसद में भारतीय संविधान की विशालकाय प्रति लगाने में क्या दिक्कत है.
संस्कृति के प्रति इंडी गठबंधन की नफरत- योगी
सपा सांसद आरके चौधरी की चिट्ठी पर अब विवाद बढ़ गया है. इस विवाद पर अब उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की भी एंट्री हो गई है. इसे लेकर सीएम योगी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया है और लिखा है कि, “सपा के मन में भारतीय इतिहास और संस्कृति के प्रति कोई सम्मान नहीं है. सेंगोल पर उनके शीर्ष नेताओं की टिप्पणियां निंदनीय हैं और उनकी अज्ञानता को दर्शाती हैं. यह विशेष रूप से तमिल संस्कृति के प्रति INDI Alliance की नफरत को भी दर्शाता है”. उन्होंने कहा की सेंगोल भारत का गौरव है और यह सम्मान की बात है कि पीएम मोदी ने इसे संसद में सर्वोच्च सम्मान दिया है.