OP सिंदूर पर चर्चा वाली लिस्ट से थरूर का नाम ‘गायब’, वो मौके जब कांग्रेस की आंखों में ‘खटके’ हैं तिरुवनंतपुरम सांसद

पाकिस्तान के एजेंडे को ध्वस्त करने के लिए सर्वदलीय डेलिगेशन में शशि थरूर भी शामिल थे और विदेश दौरे पर उनके दिए बयानों से देश में सियासत खूब गरमाई थी.
Shashi Tharoor

कांग्रेस नेता शशि थरूर ( फोटो- सोशल मीडिया)

Operation Sindoor: मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में सोमवार को ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा होनी है. हालांकि, हंगामे के कारण अभी चर्चा शुरू नहीं हो पाई है. लोकसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह चर्चा की शुरुआत करेंगे. वहीं ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए कांग्रेस की तरफ से भी लिस्ट सामने आई है, जिसमें प्रियंका गांधी, गौरव गोगोई, दीपेंद्र हुड्डा, प्रणीति शिंदे, सप्तगिरि उलाका और बिजेंदर एस ओला के नाम वक्ताओं के तौर पर शामिल हैं. लेकिन, शशि थरूर (Shashi Tharoor) का नाम कांग्रेस की लिस्ट में नहीं है. पहले ही इस बात को लेकर काफी चर्चा थी कि सदन मे क्या कांग्रेस थरूर को ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए मौका देगी?

पाकिस्तान के एजेंडे को ध्वस्त करने के लिए सर्वदलीय डेलिगेशन में शशि थरूर भी शामिल थे और विदेश दौरे पर उनके दिए बयानों से देश में सियासत खूब गरमाई थी. शशि थरूर ने न केवल ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भारतीय सेना की कामयाबी की तारीफ की थी, बल्कि मोदी सरकार की भी जमकर सराहना की थी. थरूर ने कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर सरकार की सटीक प्लानिंग का नतीजा है.

पार्टी लाइन से अलग थरूर का बयान

जाहिर है, थरूर की लाइन कांग्रेस पार्टी की लाइन नहीं है और यही वजह है कि लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए वक्ताओं की लिस्ट में उनका नाम नहीं है. हालांकि, इसके पहले भी कई ऐसे मौके आए हैं जब थरूर का बयान कांग्रेस के रुख से अलग रहा है और वे पार्टी की आंखों में ‘चुभे’ हैं.

पीएम मोदी का यूएस दौरा और F-35 डील

डोनाल्ड ट्र्ंप के राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार अमेरिका के दौरे पर पीएम मोदी के जाने को शशि थरूर ने खास बताया था. इस दौरान उन्होंने F-35 डील पर पार्टी के विपरीत बयान दिया था. थरूर ने इसे राफेल के बाद भारत की ताकत को बढ़ाने वाला फाइटर जेट बताया था. ये बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण था क्योंकि तब कांग्रेस ने लड़ाकू विमान F-35 को किसी काम का ना होने की बात कर रही थी. कांग्रेस मस्क के ‘कबाड़’ वाले बयान को आधार बनाकर इस फाइटर प्लेन को बेकार बता रही थी.

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भारत की विदेश नीति की सराहना

थरूर की राहें हाल के महीनों में कांग्रेस से कई मौकों पर अलग रही हैं. इस साल मार्च में थरूर ने भारत की विदेश नीति की जमकर सराहना की थी. रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान भारत के संयमित कदम की भी उन्होंने तारीफ की थी और कहा था कि पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति और यूक्रेन के राष्ट्रपति को एक ही हफ्ते के अंदर गले लगाया है. ये दर्शाता है कि दोनों ही देश पीएम मोदी की बातें सुनते हैं.

पहलगाम हमले पर पार्टी से अलग सुर

पहलगाम आतंकी हमले को कांग्रेस लगातार हमलावर थी और मोदी सरकार को घेर रही थी. कांग्रेस इसे इंटेलिजेंस फेल्योर बता रही थी. जबकि शशि थरूर ने कहा था कि कोई भी देश 100% खुफिया जानकारी नहीं रख सकता है. उन्होंने इजरायल का हवाला देते हुए ये बातें कही थीं.

सर्वदलीय संसदीय डेलिगेशन का बने हिस्सा

पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद मोदी सरकार ने पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बेनकाब करने के लिए सर्वदलीय संसदीय डेलिगेशन की अगुवाई करने वालों में शशि थरूर को शामिल किया तो, कांग्रेस बिफर गई थी. लेकिन, तिरुवनंतपुरम के इस सांसद ने डेलिगेशन का नेतृत्व करने को सम्मान की बात बताई थी. थरूर विदेश दौरे पर भारतीय सेना और मोदी सरकार की तारीफ करते नजर आए थे. इसके बाद पार्टी के भीतर उनके खिलाफ आवाजें उठने लगी थीं.

आपातकाल की आलोचना

पूर्व पीएम इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल की भी थरूर ने तीखी आलोचना की थी. हाल ही में उन्होंने एक लेख लिखा था, जिसमें उन्होंने आपातकाल को लेकर कहा था कि इससे पता चलता है कि किस तरह से आजादी छीनी जाती है. कांग्रेस नेता ने इस लेख में इंदिरा गांधी के फैसले की जमकर आलोचना की थी.

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