‘हम चाहते तो संसद से पास करा सकते थे, लेकिन…’, वक्फ संशोधन बिल पर स्मृति ईरानी का बड़ा बयान

Waqf Board: वक्फ (संशोधन) विधेयक पेश किए जाने स्मृति ईरानी ने कहा, 'उस दिन सदन में हमारे पास सर्वसम्मति थी और संख्या भी पर्याप्त थी. लेकिन फिर भी हमने संयुक्त समिति के लिए इस पर विचार किया ताकि हर राजनीतिक दृष्टिकोण और आम नागरिक जेपीसी के समक्ष अपनी राय रख सकें, आकर अपनी बात रख सकें.'
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स्मृति ईरानी (पूर्व केंद्रीय मंत्री)

Waqf Board: मंगलवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने बड़ा बयान दिया है. वक्फ संशोधन बिल को लेकिन पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हम चाहते तो संसद में वक्फ (संशोधन) कानून को पास करवा लेते, लेकिन पीएम मोदी ऐसा नहीं चाहते थे. स्मृति ने आगे कहा वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को संसद की संयुक्त समिति को भेजा गया है. ऐसा इसलिए किया गया है कि हर राजनीतिक राय मिल सके और बड़े पैमाने पर नागरिक अपनी बात रख सकें और अपना दृष्टिकोण दे सकें.

एक कार्यक्रम में पहुंची स्मृति ईरानी ने वक्फ (संशोधन) विधेयक पेश किए जाने कहा, ‘उस दिन सदन में हमारे पास सर्वसम्मति थी और संख्या भी पर्याप्त थी. लेकिन फिर भी हमने संयुक्त समिति के लिए इस पर विचार किया ताकि हर राजनीतिक दृष्टिकोण और आम नागरिक जेपीसी के समक्ष अपनी राय रख सकें, आकर अपनी बात रख सकें.’

कार्यक्रम के दौरान स्मृति ने आगे कहा, ‘मुझे लगता है कि यह पीएम मोदी द्वारा चीजों को सचमुच थोपने की नहीं बल्कि हर दृष्टिकोण के लिए अधिक समावेशी माहौल बनाने की कोशिश है. पीएम के साथ हर चीज की संभावना है.”

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स्मृति ईरानी ने पीएम के काम करने के तरीकों के बारे में बात करते हुए कहा, ‘जब सरोगेसी बिल राज्यसभा में पेश किया जा रहा था तो मुझे लगता है कि जयराम रमेश को इस बारे में कुछ चिंताएं थीं. मैंने और भूपेंद्र यादव ने गैलरी में उनकी बात सुनी. हम पीएम के पास वापस गए. पीएम ने कहा, ठीक है, पूरी बातचीत को आगे बढ़ाइए, सुनिए कांग्रेस क्या कहना चाहती है. अगर चिंताएं जायज हैं तो उनका समाधान करें इसलिए प्रधानमंत्री ने हमेशा इसी तरह काम किया है.”

स्मृति ने आगे कहा, ‘अगर आपको याद हो कि प्रधानमंत्री ने 2014 में अमेठी में अपने भाषण में क्या कहा था तो उन्होंने कहा था कि बदले की नहीं, बदलाव की भावना से आ रहे हैं. हम यह स्थापित करना चाहते थे कि हम बेहतर विकल्प हैं, जो मैंने किया.’

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