Jagannath Rath Yatra: जगन्नाथ रथयात्रा में भगदड़! दम घुटने से एक श्रद्धालु की मौत, कई घायल

मुख्यमंत्री ने घायल श्रद्धालुओं के लिए बेहतर चिकित्सा देखभाल सुनिश्चित करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. वहीं, अधिकारियों ने बताया कि भगवान बलभद्र का रथ खींचते समय मची भगदड़ में एक पुलिसकर्मी भी घायल हुआ है.

जगन्नाथ रथयात्रा में भगदड़!

Jagannath Rath Yatra 2024: ओडिशा के पुरी में रविवार को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के दौरान बड़ा हादसा हो गया. यहां भगदड़ मचने से एक श्रद्धालु की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए हैं. घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहीं, मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने मृतक के परिजनों को चार लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने का ऐलान किया है.

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, रथ यात्रा के दौरान भगवान बलभद्र के तालध्वज रथ को खींचने के दौरान मची भगदड़ में दम घुटने से झारसुगुड़ा जिले के पुड्डाजंघा गांव निवासी श्याम सुंदर की मौत हो गई है. सीएम माझी ने घटना पर दुख जताया है और मृतक के परिवार को चार लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है. बता दें कि पुरी में 53 साल बाद भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा दो दिन की हो रही है. 1971 से यह रथ यात्रा एक दिन की हो रही थी. इस साल इसे दो दिन का किया गया है. हर साल होने वाली इस रथ यात्रा में हमेशा बड़ी संख्या में भक्त शामिल होते हैं.

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मुख्यमंत्री ने घायल श्रद्धालुओं के लिए बेहतर चिकित्सा देखभाल सुनिश्चित करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. वहीं, अधिकारियों ने बताया कि भगवान बलभद्र का रथ खींचते समय मची भगदड़ में एक पुलिसकर्मी भी घायल हुआ है.

रथयात्रा के लिए 10 लाख भक्त एकत्रित हुए

बता दें, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी रविवार को भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के रथों के दर्शन करने पहुंची थीं. राष्ट्रपति, राज्यपाल रघुबर दास, मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मुख्य जगन्नाथ रथ को जोड़ने वाली रस्सियों को खींचकर प्रतीकात्मक रूप से इस कवायद की शुरुआत की. विपक्ष के नेता नवीन पटनायक ने भी तीनों देवताओं के दर्शन किए. यात्रा कुछ मीटर आगे बढ़ने के बाद रुक गई और सोमवार सुबह पुनः शुरू होगी. भगवान बलभद्र के लगभग 45 फुट ऊंचे लकड़ी के रथ को हजारों लोगों ने खींचा. इसके बाद देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ के रथ खींचे जाएंगे. अनुमान है कि वार्षिक रथ उत्सव के लिए इस शहर में लगभग 10 लाख भक्त एकत्रित हुए हैं. ज्यादातर श्रद्धालु ओडिशा और पड़ोसी राज्यों से आए हैं. इसके अलावा कई विदेशी भी इस रथयात्रा में शामिल होने के लिए आए हैं.

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