Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने अजित पवार गुट को लगाई फटकार, शरद पवार की तस्वीर और नाम इस्तेमाल नहीं करने का दिया आदेश

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने एनसीपी चुनाव चिह्न विवाद पर सुनवाई की. इस दौरान कोर्ट ने अजित पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी गुट से शरद पवार की तस्वीर और नाम का इस्तेमाल नहीं करने का आदेश दिया है.
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Supreme Court: एनसीपी के चुनाव चिह्न विवाद मामले में गुरुवार (14 मार्च) को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की. इस दौरान कोर्ट ने अजित पवार गुट को फटकार लगाया. इसके अलावा सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि अजीत गुट शरद पवार की तस्वीर और नाम का इस्तेमाल नहीं कर सकता है. पीठ ने अजित पवार से कहा कि वह किसी भी भ्रम से बचने के लिए दूसरा चुनाव चिह्न लेने पर विचार करें.आदेश में आगे कहा गया है कि चुनाव आयोग का आदेश अंतिम नहीं है. अब इस मामले में मंगलवार को अगली सुनवाई होगी.

सुनवाई के दौरान शरद पवार की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी कोर्ट में पेश हुए. उन्होंने पीठ को बताया कि अजित पवार की एनसीपी घड़ी के निशान और शरद पवार के चेहरे का इस्तेमाल कर लोगों को गुमराह कर रही है. मनु सिंघवी ने आगे कहा, “आप घड़ी और शरद पवार की तस्वीर का उपयोग कैसे कर सकते हैं? यह धोखा है. आपके अपने नेता कहते हैं कि इसका इस्तेमाल ग्रामीण क्षेत्रों में उनके लाभ के लिए किया जाएगा.”

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पीठ ने अजित गुट से मांगा  हलफनामा 

जस्टिस सूर्यकांत और के.वी. की पीठ विश्वनाथन ने मामले की सुनवाई की. इस दौरान पीठ ने कहा कि पार्टी को हलफनामा देना चाहिए कि वह अपने सदस्यों को शरद पवार की तस्वीर का इस्तेमाल करने से रोकेगी. पीठ ने ये भी कहा कि अब आप दो अलग-अलग संस्थाएं हैं तो केवल अपनी पहचान के साथ ही जाएं. पीठ ने मौखिक रूप से टिप्पणी की, “जब चुनाव आता है तो आपको उनके चेहरे की जरूरत होती है और जब आप चुनाव जीत जाते हैं तो आप पार्टी छोड़ देते हैं.”

राज्यसभा चुनाव के लिए सुप्रीम कोर्ट ने दी थी अनुमति 

बता दें कि 19 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने शरद पवार और उनके गुट को ‘राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद चंद्र पवार) के नाम की अनुमति दी थी. चुनाव आयोग ने राज्यसभा चुनाव में के लिए एक बार के उपाय तौर पर 7 फरवरी को एक आदेश में शरद पवार गुट को नया नाम आवंटित किया था. इसके अलावा सुनवाई के दौरान एक और अंतरिम राहत में पीठ ने शरद पवार गुट को पार्टी चिह्न के लिए आवेदन करने की अनुमति दे दी.

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