तमिलनाडु के राज्यपाल ने कॉलेज में लगवाए ‘जय श्रीराम’ के नारे; कांग्रेस ने कहा- गवर्नर BJP, RSS के स्टार प्रचारक बन गए

इसके पहले भी तमिलनाडु के राज्यपाल आरए रवि कई बार विवादों में रह चुके हैं. अभी हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में विधेयक को ज्यादा दिनों तक रोककर रखने पर राज्यपाल को फटकार लगाई थी.
Tamil Nadu Governor RN Ravi.

तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि.

Tamil Nadu Governor RN Ravi: तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि एक बार फिर विवादों में घिरते नजर आ रहे हैं. राज्यपाल आरएन रवि ने मदुरै में एक कॉलेज इवेंट में छात्रों से ‘जय श्री राम’ का जयकारा लगावाया. वहीं गवर्नर का यह वीडियो सामने आने के बाद सभी पार्टियों ने राज्यपाल की आलोचना की है. कांग्रेस ने कहा कि राज्यपाल आरएन रवि भाजपा और RSS की भाषा बोल रहे हैं.

SPCSS ने गवर्नर का इस्तीफा मांगा

तमिलनाडु राज्य समान स्कूल प्रणाली मंच(SPCSS-TN) ने जय श्रीराम का नारा लगवाने पर गवर्नर आरएन रवि की आलोचना की है. SPCSS ने कहा, ‘आरएन रवि ने अपने पद की शपथ का उल्लंघन किया है. वह संविधान का पालन करने और उसके आदर्शों और संस्थाओं का सम्मान करने में विफल रहे. आरएन रवि को भारत के संविधान के अनुच्छेद 159 का जानबूझकर उल्लंघन करने के लिए तमिलनाडु के राज्यपाल के पद से तुरंत हटा दिया जाना चाहिए.’

कांग्रेस बोली- राज्यपाल RSS के स्टार प्रचारक बन गए

कांग्रेस समेत अन्य पार्टियों ने गवर्नर द्वार श्रीराम का नारा लगवाने को असंवैधानिक बताया. वेलाचेरी से कांग्रेस विधायक जेएमएच हसन मौलाना ने कहा, ‘आरएन रवि संवैधानिक पद पर हैं. उन्हें ऐसे काम शोभा नहीं देते. रवि किसी धार्मिक नेता की तरह बोल रहे हैं. वे आरएसएस और भाजपा के प्रचार मास्टर बन गए हैं.’

इंजीनियरिंग कॉलेज में बतौर मुख्य अतिथि हुए थे शामिल

शनिवार को तमिलनाडु के मदुरै के एक इंजीनियरिंग कॉलेज में आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन हुआ था. इसमें राज्यपाल आरएन रवि बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे. इसी दौरान उन्होंने छात्रों से ‘जय श्री राम’ के नारे लगवाए. राज्यपाल का वीडियो सामने आने के बाद उनकी आलोचना की जा रही है.

राज्यपाल को सुप्रीम कोर्ट से भी मिल चुकी है फटकार

राज्यपाल आरएन रवि कई बार विवादों में रह चुके हैं. अभी हाल ही में विधेयक में देरी करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी गवर्नर को फटकार लगा चुका है. 10 विधेयकों को रोकने पर सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा था, ‘राज्यपाल के पास वीटो पावर नहीं है और उन्हें विधानसभा से पारित विधेयकों पर एक महीने के भीतर निर्णय लेना चाहिए.’

ये भी पढ़ें: आकाश आनंद ने बुआ मायावती से माफी मांगी; बोले- अब राजनीतिक मामलों में ससुराल पक्ष की नहीं सुनूंगा

ज़रूर पढ़ें