Tamil Nadu: कमला हैरिस के गांव में उत्साह हुआ कम, तमिलनाडु में लोगों को अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों का इंतजार
Tamil Nadu: अमेरिका में आज राष्ट्रपति चुनाव होने को है. आज ही यह फिसला हो जाएगा कि जीत किसकी होगी। इन हर अमेरिका की बागडोर डेमोक्रेट्स के हाथों में होगी या फिर रिपब्लिकन के हाथ में. दोनों ही पार्टी से राष्ट्रपति पद के दावेदार कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप हैं. इस चुनाव के नतीजे भारत के ऊपर भी प्रभाव डालेगा. मगर भारत के तमिलनाडु में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर चीजें थोड़ी ख़ास है.
भारत के तमिलनाडु में स्थित एक गांव में अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम का लोगों को बहुत इंतजार है. तमिलनाडु का थुलासेंद्रपुरम गांव अमेरिका की डेमोक्रेट्स की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस का पैतृक गांव है. हालांकि अगर पिछले चुनाव से इस चुनाव की तुलना करें तो इस बार लोगों में उत्साह थोड़ा कम है, लेकिन लोग नतीजों पर नजर बनाए हुए हैं.
My mother, Dr. Shyamala Gopalan Harris, came to the United States from India at 19. She taught me and my sister, Maya, about courage and determination.
It is thanks to her that I am ready to lead us forward. pic.twitter.com/rVdVAIylTe
— Kamala Harris (@KamalaHarris) November 4, 2024
अमेरिका के राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार भारतीय मूल की कमला हैरिस के नाना पी वी गोपालन मद्रास (अब चेन्नई) और बाद में जाम्बिया जाने से पहले कुछ समय के लिए इसी गांव में रहे थे. बाद में वह भारत सरकार के एक राजनयिक भी रहें. कमला की मां श्यामला गोपालन ज्यादातर गांव के बाहर पली-बढ़ीं और बाद में अमेरिका में उच्च शिक्षा प्राप्त की. वहीं, कमला हैरिस ने अपना जीवन अमेरिका में बिताया, लेकिन उन्होंने अपने पैतृक गांव की विरासत के प्रति लगाव बनाए रखा.
कमला हैरिस ने सोमवार को एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘मेरी मां डॉ. श्यामला गोपालन हैरिस 19 साल की उम्र में भारत से अमेरिका आई थीं. उन्होंने मुझे और मेरी बहन माया को साहस और दृढ़ संकल्प के बारे में सिखाया. यह उनका धन्यवाद है कि मैं अमेरिका को आगे ले जाने के लिए तैयार हूं.’ इससे पहले 1960 के दशक के नागरिक अधिकार मार्च में अपने माता-पिता की भागीदारी को याद करते हुए कमला हैरिस ने अपनी जीवनी ‘द ट्रुथ्स वी होल्ड’ में लिखा था, टमेरे पास पैरों के समुद्र, ऊर्जा, शाउट्स और मंत्रोच्चार की यादें हैं.
कमला हैरिस कभी-कभी अपनी भारतीय जड़ों, विशेषकर अपनी मां और दादी के प्रभाव को भी दर्शाती हैं. उन्होंने एक्स पर पोस्ट पर लिखा, ‘मेरी मां को मेरी दादी की ताकत और साहस विरासत में मिला.’ कमला ने सामाजिक न्याय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का श्रेय अपने परिवार की विरासत को दिया है.
गांव में शांति
पिछली बार जब कमला हैरिस को 2020 में जो बाइडेन के उप-राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में घोषित किया गया, तो थुलसेंद्रपुरम में खुशियां मनाई गई थीं. लोगों में जम का उत्साह देखने को मिला था. लेकिन इस बार गांव में शांति फैली हुई है. गांव के भारतीय स्टेट बैंक के 80 वर्षीय रिटायर्ड मैनेजर एन कृष्णमूर्ति ने द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा कि अगर वह जीतती हैं तो वे जश्न मनाएंगे, लेकिन वे नतीजों से पहले प्रार्थनाओं के बारे में निश्चित नहीं हैं. उन्होंने कहा, ‘कमला के दादा मद्रास और फिर अफ्रीका जाने से पहले कुछ समय के लिए यहां रहे थे. यहां तक कि कमला की मां के भी सीमित संबंध हो सकते हैं. उन्होंने दौरा किया होगा, लेकिन कमला ने निश्चित रूप से नहीं किया है.’
कमला पर गर्व है
मीडिया से बात करते हुए कृष्णमूर्ति ने आगे बताया कमला के इस गांव के संबंध के बारे में तभी पता चला जब उन्हें अमेरिकी उपराष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में चुना गया था. कृष्णमूर्ति ने कहा, ‘जब मीडिया ने हमसे टिप्पणियां मांगनी शुरू कीं, तब हमने कमला के बारे में पढ़ा. निजी तौर पर मेरे लिए ट्रंप और कमला दोनों बराबर हैं. हालांकि अगर वह हमारे गांव से दूर के रिश्ते के कारण जीतती है तो मुझे खुशी होगी। यहां हर किसी को उनपर गर्व है.