PM Modi UAE Visit: हिंदू मंदिर के बाद यूएई ने दिया एक और गिफ्ट, बढ़ जाएगी ड्रैगन की टेंशन!
PM Modi UAE Visit: मध्य-पूर्व एशिया में जारी इजरायल-हमास युद्ध से जानमाल की हानि हो रही है. वहीं कई वैश्विक परियोजनाओं को भी झटका लगा है. जारी युद्ध को लेकर दावा किया जा रहा था कि इंडिया मिडिल ईस्ट इकोनॉमिक कॉरिडोर(India Middle East Economic Corridor) प्रोजेक्ट को बंद हो सकता है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 13 से 14 फरवरी तक संयुक्त अरब अमीरात (UAE) दौरे के दौरान इस परियोजना पर भारत और खाड़ी देश के बीच एक अहम प्रगति देखने को मिली. इससे चीन की चिंताए बढ़ सकती हैं.
दोनों नेताओं ने दी पहला कदम उठाने पर सहमति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 से 14 फरवरी तक यूएई के दौरे पर रहे. इस दौरान संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की राजधानी अबू धाबी में हिंदू मंदिर के उद्घाटन के बाद यूएई की तरफ से भारत को IMEC प्रोजेक्ट के रूप में दूसरा बड़ा तोहफा मिला. अबू धाबी में पीएम मोदी और यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने महत्वाकांक्षी इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कोरिडोर(IMEC) पर काम करने को लेकर पहला कदम उठाने पर सहमति दे दी है.
गाजा और लाल सागर की स्थिति पर नजर
भारत के विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने पीएम मोदी के यूएई दौरे को लेकर जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने मंगलवार को यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से मुलाकात की. इस दौरान दोनों नेताओं ने लाल सागर में चल रहे संघर्ष और इजरायल-हमास युद्ध पर गंभीर बातचीत की. विदेश सचिव ने अबू धाबी में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, ‘गाजा में चल रहा संघर्ष और लाल सागर की तनावपूर्ण स्थिति चिंता का विषय है. इसे देखते हुए दोनों नेताओं ने इन मुद्दों पर बातचीत जारी रखा है. इसके साथ यह सुनिश्चित करना भी उतना ही जरूरी है कि आर्थिक सहयोग को आगे बढ़ाया जाए. अन्य गतिविधियों को भी जारी रखा जाए और इस गति को कम न होने दिया जाए.’
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G20 के दौरान की गई थी घोषणा
बता दें कि भारत का IMEC कॉरिडोर एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है जो भारत को संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, जॉर्डन, इजरायल होते हुए यूरोप से जोड़ देगा. इस कॉरिडोर में सड़क के साथ-साथ समुद्री और रेल नेटवर्क का जाल फैलाया जाएगा. यह नेटवर्क भारत को मध्य-पूर्व देशों के जरिए यूरोप से जोड़ेगा. इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य व्यापार को बढ़ावा देना और सामान को भेजने के समय और खर्च में कमी लाना है. इसकी औपचारिक घोषणा पिछले साल भारत में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान भारत ने की थी.
PoK में चीन की चाल का विरोध
भारत के इस कॉरिडोर को चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) का विकल्प माना जा रहा है. भारत और मिडिल ईस्ट के देशों के बीच इस प्रगति को देखकर चीन जरूर चिंतित होगा. बता दें कि भारत शुरू से ही चीन के बीआरआई प्रोजेक्ट का विरोध करता रहा है. चीन के इस प्रोजेक्ट में पाकिस्तान में बीआरआई के तहत बन रहे चाईना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर(PoK)से होकर गुजरता है और भारत इसे अपनी संप्रभुता का उल्लंघन मानता है.