मोदी कैबिनेट ने दी 2 रेल इंफ्रा प्रोजेक्ट को मंजूरी, जानें देश के किन राज्यों को मिलेगा फायदा
2 रेल इंफ्रा प्रोजेक्ट को मंजूरी
Rail Infra Projects: बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट बैठक (Union Cabinet Meet) में कई अहम प्रोजेक्ट्स को मंजूरी मिली है. इनमें दो रेल इंफ्रा प्रोजेक्ट भी शामिल हैं. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने जानकारी देते हुए बताया कि रेल रूट पर भीड़भाड़ को कम करने के उद्देश्य से केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दो रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी दी है.
दो रेल परियोजनाओं को मंजूरी
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में 104 KM लंबे तिरुपति-पकाला-कटपडी सिंगल रेलवे लाइन सेक्शन के दोहरीकरण को मंजूरी दी है, जिसकी कुल लागत 1,332 करोड़ रुपए है. यह रूट तिरुपति बालाजी और श्री कालहस्ती शिव मंदिर को जोड़ता है.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि नई परियोजना का उद्देश्य वेल्लोर और तिरुपति के शैक्षिक और चिकित्सा केंद्रों तक कनेक्टिविटी बढ़ाना है . उन्होंने यह भी बताया कि इसके अलावा पंजाब और हरियाणा में ‘हाइब्रिड एन्युटी मोड’ पर 1878.31 करोड़ रुपए की लागत से 19.2 KM लंबे छह लेन के एक्सेस नियंत्रित जीरकपुर बाईपास के निर्माण को मंजूरी मिली है.
जानें परियोजना के बारे में-
- आंध्र प्रदेश (चित्तूर, तिरुपति) से तमिलनाडु (वेल्लोर) तक जाने वाली रेलवे लाइन में 15 स्टेशन, 17 बड़े पुल, 327 छोटे पुल, 7 रोड ओवर ब्रिज , 30 रोड अंडर ब्रिज शामिल हैं.
- इस परियोजना में 113 किलोमीटर लंबी पटरी भी होगी और अधिक माल तथा मेल/एक्सप्रेस/यात्री ट्रेनों को चलाने की अतिरिक्त क्षमता भी होगी.
- मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना से करीब 400 गांवों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी. साथ ही लगभग 14 लाख लोगों को लाभ मिलेगा.
- परियोजना श्री कालहस्ती शिव मंदिर, कनिपकम विनायक मंदिर, चंद्रगिरी किला आदि जैसे अन्य प्रमुख स्थलों को रेल कनेक्टिविटी से जोड़ेगी. साथ ही तिरुमाला वेंकटेश्वर मंदिर को भी जोड़ेगी. इसका असर यह होगा कि देश भर से तीर्थयात्री और पर्यटक आकर्षित होंगे.
रेलवे के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, यह परियोजना PM मोदी के तीसरे कार्यकाल में शुरू की जा रही 23 प्रमुख रेलवे बुनियादी ढांचे की पहल का हिस्सा है. इसमें 86,507 करोड़ रुपए की लागत से 2,869 किलोमीटर रेलवे लाइन शामिल हैं.
अतिरिक्त माल ढुलाई होगी
केंद्र की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक कोयला, कृषि वस्तुओं, सीमेंट और अन्य खनिजों आदि जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए यह जरूरी मार्ग है. इससे क्षमता वृद्धि कार्य के परिणामस्वरूप 4 MTPA (मिलियन टन प्रति वर्ष) की अतिरिक्त माल ढुलाई होगी.