US NSA India Visit: अमेरिकी सुरक्षा सलाहकार से कल मिलेंगे अजीत डोभाल, पन्नू की हत्या के प्रयास मामले के बाद पहली उच्च स्तरीय बैठक
US NSA India Visit: देश में NDA की नई सरकार का गठन होते ही सभी विभाग एक्शन मोड में आ गए हैं. वहीं बाहरी देशों से संबंधों को और मजबूती मिलने की संभावना है. इसी क्रम में भारत-अमेरिका के बीच सोमवार को दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वार्ता होने वाली है. दिल्ली में होने वाली बैठक में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल(Ajit doval) के साथ अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन(Jake Sullivan) शामिल होंगे. देश की राजधानी दिल्ली में यह बैठक 17 और 18 जून को आयोजित होने वाली है. इसमें कई मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है.
iCET, लड़ाकू विमानों के इंजन की टेक्नोलॉजी पर होगी बात
बैठक के दौरान, NSA अजीत डोभाल अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन से मिलकर महत्वपूर्ण और उभरती हुई प्रौद्योगिकी(iCET) पहल के तहत सहयोग पर चर्चा करेंगे. दरअसल, पिछले साल 22 जून को भारत और अमेरिका की ओर से जारी एक संयुक्त बयान में बताया गया था कि अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी साझेदारी को गहरा करने में इस तकनीक को उपयोग में लाने की पुष्टि की थी. बता दें कि, भारत और अमेरिका के बीच सह-उत्पादन, विकास और रक्षा औद्योगिक सहयोग पर ध्यान केंद्रित करते हुए रणनीतिक प्रौद्योगिकी साझेदारी का विस्तार करने के लिए मई 2022 में iCET लॉन्च किया गया था. साथ ही तेजस मार्क II लड़ाकू विमानों के लिए GE-414 जेट इंजन की टेक्नोलॉजी को साझा करने पर बात चीत होगी.
पन्नू की हत्या के प्रयास के बाद पहली उच्च स्तरीय बैठक
iCET समीक्षा के अलावा यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह खालिस्तान अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या के प्रयास के बाद पहली उच्च स्तरीय बैठक है. बता दें कि, द वाशिंगटन पोस्ट समेत कई पश्चिमी मीडिया की ओर से दावा किया जा रहा था कि भारत गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या करने की साजिश रच रहा है. जानकारी के मुताबिक दोनों ही देश इस भी बातचीत कर सकते हैं. गुरपतवंत सिंह पन्नू की अमेरिकी और कनाडाई नागरिकता के साथ-साथ खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से उपजे कनाडा के राजनयिक मुद्दों ने स्थिति को और जटिल बना दिया है. हालांकि एक कनाडाई नागरिक होने के बावजूद, महरदीप सिंह निज्जर एक मान्यता प्राप्त आतंकी था और कनाडा की प्रतिक्रिया इस तथ्य को नजरअंदाज करने की रही है.