Nepal में राजशाही और हिंदू राष्ट्र की मांग को लेकर समर्थकों का हिंसक प्रदर्शन, पुलिस से भिड़े, किंग ज्ञानेंद्र को सत्ता सौंपने की मांग

Nepal: शुक्रवार को हिंदू राष्ट्र की बहाली को लेकर शुक्रवार को हिंसक प्रदर्शन हुआ. प्रदर्शनकारियों ने काठमांडू के तिनकुने में एक इमारत में तोड़फोड़ किया. इसके बाद उस इमारत को प्रदर्शनकाियों ने आग के हवाले कर दिया. वहीं, प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच जमकर झड़प हुई.
King Gyanendra Shah

किंग ज्ञानेंद्र

Nepal: इन दिनों नेपाल की राजधानी काठमांडू में राजशाही और हिंदू राष्ट्र की मांग को लेकर प्रदर्श हो रहे हैं. शुक्रवार को हिंदू राष्ट्र की बहाली को लेकर शुक्रवार को हिंसक प्रदर्शन हुआ. प्रदर्शनकारियों ने काठमांडू के तिनकुने में एक इमारत में तोड़फोड़ किया. इसके बाद उस इमारत को प्रदर्शनकाियों ने आग के हवाले कर दिया. वहीं, प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच जमकर झड़प हुई.

प्रदर्शनकारी और पुलिस के बीच झड़प

शुक्रवार, 28 मार्च को काठमांडू में प्रदर्शनकारियों और पुलिस में झड़प हुई. इस दौरान प्रोटेस्ट कर रहे लोगों ने पुलिस पर पत्थर फेंके. जिसके जवाब में सुरक्षाकर्मियों को आंसू गैस के गोले दागने पड़े. इस घटना में एक युवक के घायल होने की भी खबर सामने आ रही है.

सरकार को एक सप्ताह का अल्टीमेटम

नेपाल में राजशाही और हिंदू राष्ट्र की मांग को लेकर हो रहे आंदोलन में 40 से ज्यादा नेपाली संगठन शामिल हैं. ये एक साथ मिल कर प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शनकारी ‘राजा आओ देश बचाओ’, ‘भ्रष्ट सरकार मुर्दाबाद’ और ‘हमें राजशाही वापस चाहिए’ जैसे नारे लगा रहे हैं. प्रदर्शनकारियों ने सरकार को एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया है. उनका कहना है कि अगर उनकी मांगों पर एक्शन नहीं लिया गया तो विरोध प्रदर्शन और ज्यादा उग्र होगा.

नेपाल के पूर्व राजा ज्ञानेंद्र ने 19 फरवरी को प्रजातंत्र दिवस के अवसर पर लोगों से समर्थन मांगा था. इसके बाद से ही देश में ‘राजा लाओ, देश बचाओ’ आंदोलन को लेकर तैयारियां चल रही थीं.

हिन्दू राष्ट्र की मांग

16 साल पहले की बात है नेपाल दुनिया का एकमात्र हिन्दू राष्ट्र हुआ करता था. 2008 तक ज्ञानेंद्र शाह नेपाल के राजा हुआ करते थे. लेकिन एक माओवादी आंदोलन और एक कथित वामपंथी क्रांति के बाद देश में सत्ता परिवर्तन हुआ और ज्ञानेंद्र शाह को सिंहासन खाली करना पड़ा. अब नेपाल में राजशाही के समर्थक शासन की राजशाही व्यवस्था की वापसी की मांग कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें: दुष्कर्म मामले में पादरी बजिंदर सिंह को मोहाली कोर्ट ने माना दोषी, 1 अप्रैल को होगा सजा का ऐलान

इस आंदोलन का नेतृत्व नवराज सुवेदी कर रहे हैं. वे राजसंस्था पुनर्स्थापना आंदोलन से जुड़े हुए हैं. इसका मकसद नेपाल में राजशाही को बहाल करना है. सुवेदी का नाम तब सुर्खियों में आया जब पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह ने उन्हें इस आंदोलन का नेतृत्व करने के लिए उनका नाम आगे बढ़ाया. हालांकि, उनके इस नेतृत्व को लेकर नेपाल के प्रमुख राजवादी दलों, जैसे राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (राप्रपा) और राप्रपा नेपाल, में कुछ असंतोष देखा गया है.

ज़रूर पढ़ें