Murshidabad Violence: वक्फ कानून के विरोध प्रदर्शन ने जलाया मुर्शिदाबाद, हिंसा के बाद BSF तैनात, जानें अब तक क्या-क्या हुआ

Murshidabad Violence: पुराने वक्फ कानून में हुए बदलाव के खिलाफ ये विरोध प्रदर्शन देश के अलग-अलग राज्यों में हो रहा है. मगर गुरुवार, 11 अप्रैल को जब पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद वक्फ कानून को लेकर विरोध-प्रदर्शन हो रहा था, वो अचानक हिंसा में बदल गया. इस हिंसा में एक पिता-पुत्र समेत तीन लोगों की जान जाने की खबर भी सामने आई है.

मुर्शिदाबाद सांप्रदायिक हिंसा

Murshidabad Violence: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि वो राज्य में वक़्फ़ कानून लागू नहीं होने देंगी. लोकसभा और राज्यसभा में पास होकर राष्ट्रपति के मुहर के साथ बने इस कानून का विरोध किया जा रह है. पुराने वक्फ कानून में हुए बदलाव के खिलाफ ये विरोध प्रदर्शन देश के अलग-अलग राज्यों में हो रहा है. मगर गुरुवार, 11 अप्रैल को जब पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद वक्फ कानून को लेकर विरोध-प्रदर्शन हो रहा था, वो अचानक हिंसा में बदल गया. इस हिंसा में एक पिता-पुत्र समेत तीन लोगों की जान जाने की खबर भी सामने आई है. इस हिंसा के बाद पूरे इलाके में केंद्रीय बल तैनात किये गए हैं. पुलिस भी चप्पे-चप्पे पर है.

BSF की 8 कंपनियां तैनात

इस हिंसा को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू है. बीजेपी और TMC एक-दूसरे पर आरोप मढ़ रही है. इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को ऐलान किया कि राज्य में वक्फ (संशोधन) अधिनियम लागू नहीं किया जाएगा. उधर, कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में बीएसएफ की 8 कंपनियां तैनाती की गई है.

पश्चिम बंगाल हाई कोर्ट में बीजेपी विधायक और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस सौमेन सेन की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह आदेश दिया है. कोर्ट ने आम लोगों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि जब ऐसे हालात पैदा हो जाते हैं तो अदालत ‘अपनी आंखें मूंदे नहीं रह सकता.’

हाई कोर्ट ने दिए आदेश

अदालत ने केंद्र और राज्य को 17 अप्रैल को अगली सुनवाई से पहले स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया है. इधर, पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ कानून के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद से हालात काफी तनावपूर्ण बने हुए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शमशेरगंज पुलिस थाने के अंतर्गत आने वाले जाफराबाद में एक पिता और पुत्र की उनके घर के अंदर कथित तौर पर हत्या कर दी गई. वहीं, गोली लगने से घायल एक युवक ने शनिवार को दम तोड़ दिया. हिंसा पर काबू पाने के लिए BSF की 8 कंपनियां यानी लगभग 1600 जवान तैनात की गई हैं. इतना ही नहीं हिंसा वाले इलाके में इंटरनेट बंद कर दिया गया है.

साउथ बंगाल फ्रंटियर की 5 कंपनियां भेजी गई

इधर, शनिवार देर रात पश्चिम बंगाल के डीजीपी राजीव कुमार खुद हालात का जायजा लेने मुर्शिदाबाद पहुंचे. रात भर केंद्रीय बलों के साथ वरिष्ठ पुलिस अधिकारी हिंसा प्रभावित इलाकों में गश्त करते रहे। मुर्शिदाबाद में बेकाबू हिंसा के बाद गृह मंत्रालय भी एक्टिव है. केंद्रीय गृह सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक कर राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी को जरूरी निर्देश दिए हैं. हालात पर काबू पाने के लिए साउथ बंगाल फ्रंटियर की 5 कंपनियां भेजी गई हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर जवानों को मोर्चे पर तैनात किया जा सके.

हाई कोर्ट के आदेश पर राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देश का स्वागत किया. राजभवन द्वारा जारी एक वीडियो संदेश में राज्यपाल ने कहा- ‘मुझे मुर्शिदाबाद सहित बंगाल के दंगा प्रभावित क्षेत्रों में सीएपीएफ की तैनाती के बारे में बताया गया है. मुझे खुशी है कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने हस्तक्षेप किया और सही समय पर सही फैसला दिया.’

पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष और भारतीय जनता पार्टी के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि हमने केंद्रीय बलों की तैनाती के लिए राज्यपाल को पत्र लिखा और मुख्य सचिव और गृह सचिव से अनुरोध किया. मैंने सीएम से भी अनुरोध किया. लेकिन उन्होंने नहीं सुनी, इसलिए मैं अदालत गया. मैं कलकत्ता हाईकोर्ट का बहुत आभारी हूं. जो निर्णय आया है, मैं उसका स्वागत करता हूं.

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कैसे भड़की थी हिंसा

पुलिस के अनुसार, शुक्रवार, 11 अप्रैल को जुमे की नमाज के बाद एक प्रदर्शन की तैयारी की गई थी. शमशेरगंज के डाकबंगला मोड़ से सुतिर सजुर मोड़ तक नेशनल हाईवे-12 के एक हिस्से को ब्लॉक तक कर दिया था. अब जब तक सिर्फ सड़क पर अवरोध किया गया, प्रदर्शन हिंसक नहीं हुआ था. लेकिन फिर प्रदर्शनकारियों ने एक पुलिस वैन पर पथराव कर दिया. अब किस कारण से यह पथराव हुआ, स्पष्ट नहीं, लेकिन इतना जरूर है कि उस एक घटना के बाद ही प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया.

इस दौरान पुलिस वैन पर हमला किया गया. सामने से सुरक्षाबलों को भी कार्रवाई करनी पड़ी. पुलिस और उपद्रवी आमने-सामने आ गए और जमकर बवाल हुआ. बताया गया कि इस हिंसा में 10 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. पुलिस की मानें तो उपद्रवी अपने साथ बम जैसा कोई पदार्थ भी लेकर आए थे। उसी वजह से भीड़ को नियंत्रण में करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा, आंसू गैस के गोले भी दागे गए.

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