Waqf Amendment Bill: सरकार ने पार की अग्निपरीक्षा, दोनों सदनों में पास हुआ बिल, राष्ट्रपति के मुहर के बाद बनेगा कानून
वक्फ संशोधन विधेयक
Waqf Amendment Bill: 13 घंटे की लंबी बहस के बाद 2 अप्रैल की देर रात लोकसभा में वक्फ बिल पास होने के बाद राज्यसभा में भी बिल अब पास कर दिया गया है. राज्यसभा में भी बिल पर 12 घंटे से ज्यादा बहस चली. जिसके बाद बिल को वोटिंग के जरिए पास किया गया.
राज्यसभा में पास हुआ बिल
राज्यसभा में गुरुवार को वक्फ संशोधन बिल पर दोपहर 1 बजे से बहस शुरू हुई. इसके बाद इसपर देर रात तक लंबी बहस चली. जिसके बाद बिल को लेकर सदन में वोटिंग शुरू हुई. इस वोटिंग में बिल के पक्ष में 128 वोट पड़े और विपक्ष में 95 वोट पड़े.
जिसके बाद राज्यसभा में बिल को पास कर दिया गया. अब वक्फ संशोधन बिल को राष्ट्रपति को भेजा जाएगा. राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ये संशोधन कानून बन जाएगा. बुधवार को लोकसभा में यह बिल 12 घंटे की चर्चा के बाद पास हुआ था. लोकसभा में बिल के पक्ष में 288 सांसदों ने वोट किया, जबकि विपक्ष के 232 सांसदों ने वोट डाला. अब यह बिल राष्ट्रपति के पास जाएगा. उनकी स्वीकृति मिलने के बाद यह कानून बन जाएगा.
होगा बड़ा सुधार- पीएम मोदी
लोकसभा और राज्यसभा में बिल पास होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे बड़ा सुधार बताया है. उन्होंने शुक्रवार सुबह X पर लिखा- ‘वक्फ संपत्तियों में सालों से गड़बड़ी हो रही थी, जिससे खासतौर पर मुस्लिम महिलाओं और गरीबों को नुकसान हुआ. यह नया कानून इस समस्या को दूर करेगा. इससे पहले बिल पर चर्चा के दौरान बीजू जनता दल (BJD) ने अपने सांसदों के लिए व्हिप जारी नहीं किया था. पार्टी ने कहा था- सांसद अपनी अंतरात्मा की सुने और वक्फ बिल पर फैसला लें.’
अठावले का बिल पर बड़ा बयान
इधर, दोनों सदनों में बिल पास होने पर रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बड़ा बयान दिया है. रामदास अठावले ने कहा- ‘यह विधेयक मुसलमानों के खिलाफ नहीं है. हम गरीब मुसलमानों का समर्थन करना चाहते हैं. पीएम नरेंद्र मोदी ने अपना धर्मनिरपेक्ष रुख सामने रखा है.’
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इससे पहले अठावले ने कहा था- ‘यह बिल आम मुसलमानों के पक्ष में है. जानबूझकर विपक्ष उन्हें भ्रमित कर रहे हैं. वक्फ बोर्ड हमेशा से कुछ ही लोगों के हाथों में रहा है. इस बिल को लेकर राजनीति की जा रही है. यह बिल मुसलमानों के फायदे का बिल है. वक्फ बोर्ड की पूरी संपत्ति कुछ ही लोगों के हाथों में होती थी जिसका आम मुसलमानों तक कोई फायदा नहीं पहुंचता था.’