वक्फ कानून के खिलाफ पश्चिम बंगाल में भड़की हिंसा, मुर्शिदाबाद में प्रदर्शनकारियों ने कई वाहन फूंके, पथराव भी किया
पश्चिम बंगाल में भड़की हिंसा
West Bengal: लोकसभा और राज्यसभा में वक्फ संशोधन पारित होने के बाद देशभर में इसके विरोध में प्रदर्शन किया जा रहा है. इस बीच मंगलवार को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ कानून के विरोध में प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई. प्रदर्शनकारियों ने कई वाहनों में तोड़फोड़ कर उन्हें आग के हवाले कर दिया. इतना ही नहीं पुलिसकर्मियों पर पथराव भी किया. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को शांत करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे. साथ ही क्षेत्र में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है.
पश्चिम बंगाल में भड़की हिंसा
न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक मुर्शिदाबाद के जंगीपुर में लोग वक्फ (संशोधन) कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर जाम लगाने की कोशिश की. पुलिस ने जब उन्हें रोका तो प्रदर्शनकारियों का आक्रोश बढ़ गया. प्रदर्शनकारियों ने वाहनों में तोड़फोड़ की और गाड़ियों पर आग लगा दी. वहीं, जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की तो उन पर पथराव भी किया. पुलिस ने स्थिति को संभालने के लिए भारी बल का प्रयोग किया. साथ ही आंसू गैस के गोले भी दागे.
भारी पुलिस बल तैनात
प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़कने के बाद मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. मुर्शिदाबाद में हिंसा को लेकर BJP नेता अमित मालवीय ने CM ममता बनर्जी पर निशाना साधा है. उन्होंने एक्स पर लिखा कि पश्चिम बंगाल फिर से आग की लपटों में है.
वक्फ संशोधन कानून लागू
वक्फ संशोधन कानून मंगलवार से देशभर में लागू कर दिया गया है. इस संबंध में गृह मंत्रालय की ओर से जानकारी दी गई है. केंद्र सरकार ने अधिसूचना भी जारी कर दी है. बता दें कि 2 अप्रैल को लोकसभा और 3 अप्रैल को राज्यसभा में लंबी बहस के बाद वक्फ संशोधन बिल पास हुआ था. इसके बाद 5 अप्रैल को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद यह कानून बना था, जिसके अब देशभर में लागू कर दिया गया है.
मालवीय का ममता बनर्जी पर निशाना
BJP IT सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने X पर लिखा- ‘ पश्चिम बंगाल फिर से आग की लपटों में है. यहां सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी है. इस बार मुर्शिदाबाद में मुस्लिम भीड़ वक्फ अधिनियम के विरोध में सड़कों पर उतर आई है. ममता बनर्जी ने बंगाल के विशाल क्षेत्रों पर नियंत्रण खो दिया है, जो अप्राकृतिक जनसांख्यिकीय बदलाव और अवैध घुसपैठ के कारण राज्य प्रशासन के लिए दुर्गम हो गए हैं. अब वह केवल उनके वोटों की प्रत्याशा में गिड़गिड़ाने के अलावा कुछ नहीं कर सकती. उन्हें 2026 में जाना ही होगा.’