सेहत या सियासत…BAC मीटिंग के बहाने धनखड़ के इस्तीफे पर कांग्रेस क्यों उठा रही सवाल?

Jagdeep Dhankhar: धनखड़ के इस्तीफे पर RJD सांसद मनोज झा की प्रतिक्रिया भी आई है और उन्होंने सत्र के बीच इस्तीफे को लेकर सरकार को कठघरे में खड़ा किया है.
Vice President Jagdeep Dhankhar

जगदीप धनखड़

Jagdeep Dhankhar: संसद के मानसून सत्र (Parliament Monsoon Session) के पहले दिन काफी कुछ देखने को मिला. एक तरफ, जहां विपक्ष ऑपरेशन सिंदूर, मणिपुर हिंसा और बिहार में एसआईआर पर चर्चा को लेकर आक्रामक दिखा, वहीं सरकार भी तमाम मुद्दों पर जवाब देने के लिए तैयार नजर आ रही थी. लेकिन रात करीब 9 बजे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस्तीफा दिया तो सियासी हलचल बढ़ गई. जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया. कई विपक्षी सांसद उपराष्ट्रपति के इस्तीफे पर हैरानी जता रहे हैं और सरकार पर सवाल उठा रहे हैं.

पहले दिन राज्यसभा में नेता सदन जेपी नड्डा और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले पर तीखी बहस देखने को मिली थी. विपक्ष पहले भी इस मुद्दे पर चर्चा के लिए विशेष सत्र बुलाने की मांग कर चुका है. सोमवार को सदन में हो रही बहस के बीच उपराष्ट्रपति ने कहा था कि वे सुनिश्चित करेंगे कि इस मुद्दे के हर पहलुओं पर चर्चा हो. इसके बाद BAC की मीटिंग में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए राज्यसभा में 9 घंटे का वक्त तय किया गया था. इन सबके बीच, देर रात उपराष्ट्रपति धनखड़ के इस्तीफे ने सभी को चौंका दिया.

नड्डा-रिजिजू के BAC मीटिंग में न आने से धनखड़ को लगा बुरा- जयराम रमेश

कांग्रेस का दावा है कि BAC की बैठक में उच्च सदन में नेता सदन जेपी नड्डा और संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू के न मौजूद होने से उपराष्ट्रपति नाराज थे. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “कल दोपहर 12:30 बजे जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा की BAC की अध्यक्षता की. इस बैठक में सदन के नेता जेपी नड्डा और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू समेत ज़्यादातर सदस्य मौजूद थे. थोड़ी देर की चर्चा के बाद तय हुआ कि समिति की अगली बैठक शाम 4:30 बजे फिर से होगी.”

उन्होंने लिखा, “शाम 4:30 बजे उपराष्ट्रपति धनखड़ की अध्यक्षता में समिति के सदस्य दोबारा बैठक के लिए इकट्ठा हुए. सभी नड्डा और रिजिजू का इंतज़ार करते रहे, लेकिन वे नहीं आए. सबसे हैरानी की बात यह थी कि उपराष्ट्रपति धनखड़ को व्यक्तिगत रूप से यह नहीं बताया गया कि दोनों मंत्री बैठक में नहीं आएंगे. स्वाभाविक रूप से उन्हें इस बात का बुरा लगा और उन्होंने BAC की अगली बैठक आज दोपहर 1 बजे के लिए टाल दी. इससे साफ है कि कल दोपहर 1 बजे से लेकर शाम 4:30 बजे के बीच ज़रूर कुछ गंभीर बात हुई है, जिसकी वजह से जेपी नड्डा और किरेन रिजिजू ने जानबूझकर शाम की बैठक में हिस्सा नहीं लिया.”

उपराष्ट्रपति के इस्तीफे पर जयराम रमेश ने कहा कि अब एक बेहद चौंकाने वाला कदम उठाते हुए, जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है. उन्होंने इसकी वजह अपनी सेहत को बताया है. हमें इसका मान रखना चाहिए. लेकिन सच्चाई यह भी है कि इसके पीछे कुछ और गहरे कारण हैं.

मनोज झा ने सरकार पर उठाए सवाल?

वहीं धनखड़ के इस्तीफे पर RJD सांसद मनोज झा की प्रतिक्रिया भी आई है और उन्होंने सत्र के बीच इस्तीफे को लेकर सरकार को कठघरे में खड़ा किया है. मनोज झा ने कहा, “स्वास्थ्य कारणों से उन्होंने इस्तीफा दिया है. मुझे इस सरकार की कुछ चीजें जो बेहद परेशान करती है कि गैर पारदर्शिता इनकी पहचान बन गई है. कोई निर्णय क्यों होता है? कोई बीच कार्यकाल में अपना इस्तीफा देते हैं, ये पूरी सरकार पर प्रश्न है. अभी तक प्रधानमंत्री ने अपनी प्रतिक्रिया दी है की नहीं ये भी चिंता का विषय है?”

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जबकि, भाजपा सांसद भागवत किशनराव कराड ने जगदीप धनखड़ के स्वास्थ्य को लेकर कहा कि उनका स्वास्थ्य अच्छा नहीं था और कुछ दिन पहले वह एम्स में भर्ती थे. ऐसे में उनके इस्तीफे की यही वजह है.

अब सदन का कामकाज कैसे चलेगा?

मानसून सत्र के दौरान, जहां कई बड़े मुद्दे पर चर्चा होनी थी और सरकार भी तैयार ही नजर आ रही थी. ऐसे में धनखड़ के इस्तीफे को लेकर सियासी गलियारों में कई चर्चाएं चलने लगी हैं. धनखड़ ने अचानक क्यों इस्तीफा दिया? क्या किसी तरह का उन पर दबाव था? ये सवाल सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बने हैं. लेकिन अपने इस्तीफे में धनखड़ ने केवल स्वास्थ्य कारणों का ही हवाला दिया है. ऐसे में विपक्ष इस्तीफे के पीछे ‘कुछ और वजह’ तलाशने में जुटा है. दूसरी तरफ, ये भी सवाल है कि अब सदन का कामकाज कैसे चलेगा? फिलहाल, उपराष्ट्रपति के इस्तीफा देने की स्थिति में सदन की कार्यवाही उपसभापति यानी हरिवंश नारायण सिंह के पास चली जाएगी. ऐसे में जब तक उपराष्ट्रपति का चुनाव नहीं हो जाता, ये सदन चलाने की जिम्मेदारी उनके पास जा सकती है. हालांकि, आज सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित हो चुकी है.

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