AICC मुख्यालय में किस कांग्रेस नेता को सीनियर ने लगाई फटकार, BJP से बढ़ती नजदीकियां बनी वजह?

बीते शुक्रवार को AICC हेडक्वार्टर में रामपुर से संबंध रखने वाले एक यूपी कांग्रेस के नेता को कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने जमकर खरी खोटी सुनाई है.
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प्रतीकात्मक तस्वीर

Congress: लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद से कांग्रेस में एक जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है. अलग-अलग मुद्दों को लेकर कांग्रेस बीजेपी पर लगातार हमला बोल रही है. कांग्रेस को विश्वास है कि वो बीजेपी को यूपी सहित कई राज्यों से सत्ता में बाहर कर देगी. इसी बीच यूपी कांग्रेस के एक नेता को दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय पर एक वरिष्ठ नेता द्वारा खरी-खोटी सुनाए जाने की खबर आ रही है. सीनियर नेता की नाराजगी की वजह भी बीजेपी से जुड़ी है.

द इंडियन एक्सप्रेस के रिपोर्ट के मुताबिक, बीते शुक्रवार को AICC हेडक्वार्टर में रामपुर से संबंध रखने वाले एक यूपी कांग्रेस के नेता को कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने जमकर खरी खोटी सुनाई है. रिपोर्ट में बताया गया है कि रामपुर कांग्रेस के इस नेता को कथित तौर पर बीजेपी के एक विधायक के साथ घुलते-मिलते देखा गया था.

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“कोई गलत जानकारी दे रहा है”

बता दें कि दोनों नेताओं की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर भी की गई है. खबर है कि यहीं से कांग्रेस पार्टी नेतृत्व ने इस पर ध्यान दिया. खबर ये भी है कि रामपुर कांग्रेस के नेता ने पार्टी लीडरशिप के सामने खुद को डिफेंड करने का प्रयास किया है. उन्होंने कहा कि वो एक समर्पित कांग्रेसी हैं और कोई पार्टी आलाकमान को उनके खिलाफ गलत जानकारी दे रहा है.

यूपी की 10 विधानसभा सीटों पर होना है उपचुनाव

उत्तर प्रदेश में जल्द ही उपचुनाव होने हैं. हालांकि, चुनाव आयोग ने अब तक 10 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव की तारीखों की घोषणा नहीं की है. चुनाव आयोग का कहना है कि वर्तमान में मानसून सक्रिय है. परिस्थितियां अनुकूल होते ही समयानुसार मतदान करा दिया जाएगा. यूपी की 10 सीटों समेत अन्य विधानसभा के भी उपचुनाव होने हैं. इसी के साथ एक लोकसभा सीट पर भी चुनाव होना है. यानी 47 विधानसभा सीटों और एक लोकसभा सीटों पर चुनाव होना है. आयोग के अनुसार, अगले छह महीनों में चुनाव करा दिए जाएंगे.

इन सीटों पर होंगे चुनाव

उत्तर प्रदेश की जिन 10 विधानसभा सीटों पर चुनाव होने हैं वे इस प्रकार हैं: गाजियाबाद, मझवां, मीरापुर, मिल्कीपुर, करहल, कटेहरी, कुंदरकी, फूलपुर, खैर और सीसामऊ. इनमें से चार ऐसी विधानसभाएं है, जहां भाजपा के लिए चुनावी राह आसान नहीं हैं. उनका ब्योरा नीचे है:

करहल- यहां पर अखिलेश यादव विधायक थे, जो अब कन्नौज से सांसद हैं. इस सीट पर उनके भतीजे तेजप्रताप यादव के उतरने की तैयारी है.
मिल्कीपुर- मिल्कीपुर अयोध्या की वो सीट है, जहां से अवधेश प्रसाद नौ बार से जीतते आएं हैं. इस बार सपा अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को चुनाव लड़ा सकती है.
सीसामऊ- कानपुर की सीसामऊ सीट सपा विधायक इरफान सोलंकी के सज़ायाफ्ता होने से खाली हुई है. वहां सपा उनके ही परिवार से किसी को चुनाव में उतार सकती है.
कुंदरकी- मुरादाबाद की कुंदरकी सीट संभल लोकसभा के भीतर आती है. मुस्लिम बहुल होने के कारण इसे सपा का गढ़ माना जाता है. 60 फीसदी मुस्लिम बहुल इस सीट पर भाजपा के लिए चुनाव जीतना काफी मुश्किल हो सकता है.

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