Israel-Iran War: इजरायल-ईरान में बढ़ी जंग तो तेल की कीमतों में लगेगी आग, क्रूड होने लगा महंगा
तेल की कीमतों में उछाल
इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमतों को फिर से 75 डॉलर प्रति बैरल के आसपास पहुंचा दिया है. ईरान ने हाल ही में इजरायल पर 180 मिसाइलों से हमला किया, जिसके बाद इजरायल ने भी पलटवार की तैयारी कर ली है. इस हालात का सीधा असर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रूड की कीमतों पर पड़ा है, जो पिछले दिनों में 5% तक बढ़ गई हैं.
त्योहारों में राहत की उम्मीद धूमिल
पिछले महीने, जब कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आई थी, तब सरकार की ओर से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती की संभावनाएं जताई जा रही थीं. लेकिन अब इजरायल-ईरान तनाव के चलते इन उम्मीदों को एक बड़ा झटका लगा है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि यदि क्रूड की कीमतों में 1 डॉलर का इजाफा होता है, तो भारत में पेट्रोल-डीजल के दाम में 50 से 60 पैसे की वृद्धि हो सकती है.
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भारत की स्थिति
भारत अपने कुल क्रूड तेल का लगभग 80% आयात करता है और रोजाना करीब 37 लाख बैरल क्रूड की खपत करता है. इस स्थिति में यदि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें बढ़ती हैं, तो यह सीधे तौर पर भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतों को प्रभावित करती हैं. स्थानीय तेल कंपनियां ही तय करती हैं कि ग्राहकों को कितनी कीमत चुकानी होगी, जिसमें उत्पाद शुल्क, वैट, और डीलर कमीशन भी शामिल होता है.
क्रूड सेक्टर में ईरान का दबदबा
ओपेक का सदस्य ईरान, क्रूड सेक्टर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. हाल के संघर्ष ने ईरान की तेल आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान की आशंकाओं को जन्म दिया है. ऐसे में, यदि ईरान के साथ तनाव और बढ़ता है, तो कच्चे तेल की कीमतों में और भी तेजी आने की संभावना है, जिससे भारत के नागरिकों को त्योहारी सीजन में राहत के बजाय महंगाई का सामना करना पड़ सकता है.
इस समय, जब भारत में फेस्टिव सीजन की धूमधाम देखने को मिल रही है, पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतें लोगों के लिए चिंता का विषय बन गई हैं. क्या इस कठिनाई के बीच हमें राहत मिलेगी, या यह जंग महंगाई के नए दरवाजे खोल देगी? यह सवाल अब हर किसी के मन में गूंज रहा है.