अपनी ही मिसाइल से धुआं-धुआं हो जाता पाकिस्तान का इलाका! फटकर न्यूक्लियर फैसिलिटी के पास गिरी शाहीन-3

Pakistan Missile Test: पाकिस्तान ने हाल ही में अपनी शाहीन-3 मिसाइल का टेस्ट किया, जो परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है. यह मिसाइल टेस्ट फेल हो गया. मिसाइल निशाना चूक गई और डेरा गाजी खान (पंजाब प्रांत) में एक परमाणु केंद्र के पास धमाका हो गया.
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शाहीन-3 मिसाइल

Pakistan Missile Test: पाकिस्तान ने अपनी सैन्य गतिविधियों में एक और बड़ा कदम उठाया है. 22 जुलाई 2025 को पाकिस्तान ने डेरा गाजी खान के राखी इलाके से शाहीन-3 मिसाइल का टेस्ट किया. यह मिसाइल टेस्ट फेल हो गया और डेरा गाजी खान (पंजाब प्रांत) में मौजूद परमाणु केंद्र के पास धमाका हो गया. इस कारण पूरे इलाके में धुआं-धुआं हो गया. दरअसल, मिसाइल अपने निशाने से भटक गई थी.

शाहीन-3 मिसाइल परीक्षण असफल

हाल ही में एयर एक्सरसाइज के बाद अब उसने अरब सागर में मिसाइल परीक्षण की तैयारियां शुरू कर दी हैं. इसके लिए पाकिस्तान ने 23 से 25 जुलाई तक उत्तरी अरब सागर में नौसेना द्वारा लाइव फायरिंग ड्रिल (मिसाइल अभ्यास) के लिए नोटम (Notice to Airmen) जारी किया है. इसका असर इस क्षेत्र में हवाई और नौवहन गतिविधियों पर पड़ेगा. हाल ही में, पाकिस्तान ने परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम शाहीन-3 मिसाइल का परीक्षण किया, जो पूरी तरह असफल रहा.

लक्ष्य से भटक गई मिसाइल

मिसाइल अपने लक्ष्य से भटक गई और पंजाब प्रांत के डेरा गाजी खान में एक परमाणु केंद्र के पास विस्फोट हो गया. इसका मलबा बलूचिस्तान के डेरा बुगटी जिले के मट्ट क्षेत्र में गिरा, जो नागरिक बस्तियों से केवल 500 मीटर दूर था. लूप सेहरानी लेवी स्टेशन के पास ग्रेपन रैवाइन में गिरे मलबे ने तेज धमाका किया, जिससे स्थानीय लोग दहशत में आ गए.

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पाकिस्तान की मिसाइल क्षमता पर सवाल

इस घटना के बाद पाकिस्तानी सेना ने क्षेत्र में इंटरनेट बंद कर दिया, मीडिया कवरेज पर पाबंदी लगाई और लोगों को घरों में रहने को कहा. यह हादसा न केवल पाकिस्तान की मिसाइल क्षमताओं पर सवाल उठाता है, बल्कि बलूचिस्तान में नागरिकों की सुरक्षा को लेकर भी चिंता बढ़ाता है.

शाहीन-3 मिसाइल क्या है?

शाहीन-3 पाकिस्तान की सबसे लंबी दूरी की सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसकी रेंज करीब 2750 KM है. यह परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है और इसे 2000 के दशक में चीन की तकनीकी सहायता से विकसित किया गया था. पाकिस्तान इसे भारत के खिलाफ रणनीतिक जवाब मानता है, लेकिन बार-बार असफल परीक्षण इसकी विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं.

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