हेमंत सोरेन को अंतरिम जमानत देने से SC का इनकार, जानें सुनवाई के बीच कपिल सिब्बल को क्यों मांगनी पड़ी माफी

Jharkhand Land Scam Case: पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने कथित जमीन घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में उन्हें अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया है.

हेमंत सोरेन (फोटो- सोशल मीडिया)

Jharkhand Land Scam Case: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कथित जमीन घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में सोरेन को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया है. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यह तथ्य छिपाने के लिए हेमंत सोरेन से नाखुशी भी जताई कि ट्रायल कोर्ट ने मामले में आरोप पत्र पर संज्ञान लिया है.

जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस एससी शर्मा की पीठ ने पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की याचिका पर सुनवाई करते हुए पूछा कि याचिकाकर्ता के वकीलों ने अदालत के सामने सारे तथ्य क्यों नहीं रखे. इसके बाद सोरेन का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील ने कपिल सिब्बल ने कोर्ट से माफी मांगी. उन्होंने कहा, ‘यह मेरी व्यक्तिगत गलती है, मेरे मुवक्किल की नहीं. हमारा इरादा कोर्ट को गुमराह करना नहीं है और हमने ऐसा कभी नहीं किया है.’

कोर्ट की नाराजगी के बाद सिब्बल ने लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की अंतरिम जमानत की मांग वाली याचिका को वापस ले लिया. बता दें कि कथित जमीन घोटाले में सोरेन की जमानत की अर्जी स्पेशल कोर्ट के सामने पेंडिंग है और ट्रायल कोर्ट पहले ही आरोप पत्र पर संज्ञान ले चुकी है.

हेमंत सोरेन ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की तरह लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत की मांग की थी. इससे पहले कथित दिल्ली शराब घोटाला मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने 1 जून तक के लिए अंतरिम जमानत दी थी.

31 जनवरी को ED ने किया था गिरफ्तार

केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने हेमंत सोरेन को कथित जमीन घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था. इसके बाद उन्होंने अपना त्यागपत्र झारखंड के राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन को सौंप दिया, जिन्होंने चंपई सोरेन को उनके स्थान पर नया मुख्यमंत्री नियुक्त किया. दरअसल, सोरेन पर फर्जी दस्तावेजों के जरिए करोड़ों रुपये की जमीन हासिल करने का आरोप लगा है. ईडी का मानना है कि सोरेन ने फर्जी विक्रेता और खरीदार दिखाकर आधिकारिक रिकॉर्ड में हेरफेर के माध्यम से आपराधिक आय अर्जित की है.

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