World Rabies Day 2025: कुत्तों के अलावा इन जानवरों के काटने से हो सकता है रेबीज, जानें क्‍या करें और कैसे बचें

World Rabies Day 2025: हर साल 28 सितंबर को 'वर्ल्ड रेबीज डे' मनाया जाता है. इसका उद्देश्य 2030 तक रेबीज से होने वाली मौतों को शून्य करना है.
World Rabies Day

सांकेतिक तस्‍वीर

World Rabies Day 2025: रेबीज एक खतरानाक बीमारी है जिसे लोग कुत्तों की बीमारी के नाम से जानते है. रेबीज मुख्य रूप से कुत्तों के काटने से ज्‍यादा फैलता है और सालाना हजारों लोगों की मौत का कारण बनता है. इसलिए लोग इसे कुत्तों से होने वाली बीमारी कहते हैं. लेकिन आप ये बात भी जानकर हैरान हो जाएंगे कि रेबीज केवल कुत्तों के काटने से नहीं बल्कि और भी जानवरों के काटने से हो सकती है.

2030 तक रेबीज होने वाली मौत का आकंड़ा हो शुन्‍य

इस गंभीर बीमारी के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 28 सितंबर को ‘वर्ल्ड रेबीज डे’ मनाया जाता है. इसका उद्देश्य 2030 तक रेबीज से होने वाली मौतों को शून्य करना है. भारत में आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ने के कारण डॉग बाइट्स के मामले भी बढ़ रहे हैं. इसी चुनौती को देखते हुए केंद्र सरकार ने ‘नेशनल रेबीज कंट्रोल प्रोग्राम’ शुरू किया है. इसके तहत देश के हर जिला अस्पताल में एंटी-रेबीज क्लिनिक बनाए जाएंगे, जहां प्रशिक्षित स्टाफ लोगों को रेबीज से संबंधित जानकारी देगा और उपचार मुहैया कराएगा.

डॉग बाइट या किसी जानवर के काटने पर क्या करें

चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, कुत्ते या किसी अन्‍य जानवर के काटते ही सबसे पहले घाव को साबुन और गर्म पानी से कम से कम 15 मिनट तक अच्छी तरह धोना चाहिए. इसके बाद उसी दिन नजदीकी सरकारी या प्राइवेट अस्पताल में जाकर रेबीज का टीका लगवाना जरूरी है. डॉक्टर मरीजों को तीन श्रेणियों में बांटते हैं जिसमें हल्का खरोंच या लार लगना, घाव और थोड़ी खून निकलना, और गंभीर घाव जिसमें तेजी से खून बह रहा हो शामिल है. कई गंभीर मामलों में वैक्सीन के साथ रेबीज सीरम भी लगाया जाता है.

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कुत्तों के अलावा इन जानवरों से हो सकता है रेबीज

रेबीज सिर्फ कुत्तों तक सीमित नहीं है. यह बीमारी चमगादड़, बिल्लियां, बंदर, जंगली जानवर, और कभी-कभी बड़े पालतू जानवर जैसे गाय और घोड़े भी इसे फैला सकते हैं. छोटे जानवर जैसे चूहे, गिलहरी या खरगोश से खतरा कम होता है, लेकिन अगर वे असामान्य आक्रामक व्यवहार दिखाएं तो सावधानी जरूरी है.

क्‍या रखें सावधानी और कैसे करें बचाव

किसी भी जानवर के काटने के तुरंत बाद घाव को साफ पट्टी से ढकें और डॉक्टर से सलाह लें. संभव हो तो काटने वाले जानवर पर नजर रखें, लेकिन उसे पकड़ने की कोशिश न करें. सही समय पर उपचार से रेबीज से बचा जा सकता है.

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