सावन में ‘शिवलिंग’ पूजा के दौरान इन पांच गलतियों को करने से बचें, इनकी अनदेखी पड़ सकती है भारी!
Sawan 2025
Sawan 2025: सनातन धर्म में सावन का महीना बेहद पवित्र माना जाता है. इसमें शिव पूजा का विशेष महत्व है. हिंदू धर्म में भगवान भोलेनाथ को कल्याण का देवता माना गया है. सृष्टि की रक्षा के लिए विष पान करने वाले महादेव अपने भक्तों की हर मनोकामना बहुत जल्द पूरी करते हैं. शिव जी के व्यक्तित्व के कई रंग हैं, इसलिए उन्हें ‘देवों के देव महादेव’ भी कहा जाता है. कहा जाता है कि भगवान भोलेनाथ को मनाना अत्यंत सरल है. वे जल्द ही अपने भक्तों पर प्रसन्न हो जाते हैं.
धार्मिक मान्यता है कि जिस घर में भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा-आराधना की जाती है, वहां पर शुभता और संपन्नता का वास होता है. वैसे तो शिव जी की साधना अत्यंत ही सरल मानी गई है, क्योंकि भगवान शिव मात्र जल और बेलपत्र चढ़ाने से प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामना पूरी कर देते हैं, लेकिन उनकी पूजा से जुड़े कुछ विशेष नियम भी हैं, जिन्हें हर शिव भक्त को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए. इनकी अनदेखी करने से आध्यात्मिक असंतुलन या अनपेक्षित परिणाम हो सकते हैं. आइए जानते हैं उन नियमों के बारे में….
सावन में शिवलिंग पूजा के दौरान न करें ये 5 गलतियां
सावन 2025 के दौरान भगवान शिव की पूर्ण कृपा पाने के लिए, भक्तों को शिवलिंग पूजा के दौरान इन सामान्य लेकिन गंभीर गलतियों से बचना चाहिए:
- शंख का प्रयोग: शिवलिंग पर शंख से जल या कोई भी वस्तु चढ़ाना वर्जित है मान्यता है कि भगवान शिव ने शंखचूड़ नामक राक्षस का वध किया था, इसलिए शंख का प्रयोग शिव पूजा में नहीं किया जाता.
- हल्दी, सिंदूर, या कुमकुम चढ़ाना: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिवलिंग पर हल्दी, सिंदूर, या कुमकुम नहीं चढ़ाना चाहिए. ये सभी वस्तुएं स्त्रियों के श्रृंगार से संबंधित हैं और भगवान शिव को ये चीजें अर्पित नहीं की जातीं.
- बासी फूल चढ़ाना: शिवलिंग पर कभी भी बासी फूल नहीं चढ़ाना चाहिए, हमेशा ताज़े फूल चढ़ाएं और शिवलिंग पर चढ़ाए हुए बासी फूल को हटाकर नया फूल चढ़ाएं.
- शिवलिंग की पूरी परिक्रमा करना: शिवपुराण के अनुसार,शिवलिंग की पूरी परिक्रमा नहीं करनी चाहिए. शिवलिंग की परिक्रमा करते समय सोमसूत्र को लांघना नहीं चाहिए, इसलिए आधी परिक्रमा ही करनी चाहिए.
- तुलसी, केतकी, कनेर और कमल चढ़ाना: शिवपुराण के अनुसार, भगवान शिव को तुलसी, केतकी, कनेर और कमल के फूल नहीं चढ़ाने चाहिए.
यह भी पढ़ें: सावन में जीवित नाग या सर्प दिखने का क्या मतलब होता है?
अन्य महत्वपूर्ण बातें
शिवलिंग पर हमेशा साबुत चावल (अक्षत) चढ़ाएं, टूटे हुए चावल नहीं.
नारियल का पानी शिवलिंग पर नहीं चढ़ाना चाहिए, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार.
भगवान शिव को लाल फूल नहीं चढ़ाना चाहिए, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार.