रक्षाबंधन पर भाई की कलाई पर न बांधें ये राखियां, करें परहेज
Raksha Bandhan: रक्षा बंधन, भाई-बहन के अटूट प्रेम और विश्वास का पर्व है, जहां बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र और समृद्धि की कामना करती हैं. लेकिन, कुछ राखियां ऐसी होती हैं, जिन्हें बांधने से बचना चाहिए
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निधि तिवारी
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Last Updated: Aug 01, 2025 04:39 PM IST
टूटी-फूटी या पुरानी राखी: ऐसी राखी जो टूट चुकी हो, फीकी पड़ गई हो या पहले इस्तेमाल हो चुकी हो, उसे नहीं बांधना चाहिए. यह अशुभ माना जाता है और भाई-बहन के रिश्ते में नकारात्मकता ला सकता है.
काले रंग की राखी: काला रंग शास्त्रों में शोक और नकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है. इसलिए, रक्षा बंधन जैसे शुभ अवसर पर काले रंग की राखी बांधने से बचें.
अशुद्ध सामग्री से बनी राखी: ऐसी राखी जो अशुद्ध या निम्न गुणवत्ता की सामग्री जैसे प्लास्टिक या रासायनिक पदार्थों से बनी हो, उसे बांधना उचित नहीं है.
बिना मंत्रोच्चार के राखी: राखी बांधते समय मंत्रोच्चार और पूजा का विशेष महत्व है. बिना शुद्धिकरण या मंत्र के बांधी गई राखी का पूरा फल नहीं मिलता. इसलिए, राखी को पहले गंगाजल से शुद्ध करें और विधि-विधान से बांधें.
नकारात्मक प्रतीकों वाली राखी: कुछ राखियां फैशन के नाम पर खोपड़ी, हड्डी या अन्य नकारात्मक चिह्नों के डिजाइन के साथ आती हैं. ऐसी राखियां रक्षा बंधन के पवित्र उद्देश्य के विपरीत होती हैं और इन्हें बांधने से बचना चाहिए.
बाजारू और अति चमकीली राखी: ऐसी राखियां जो केवल दिखावे के लिए हों और जिनमें कोई पवित्रता या भावना न हो, उन्हें बांधने से बचें. राखी का भाव और प्रेम सबसे महत्वपूर्ण है, न कि उसका बाहरी रूप.
भाई की कलाई पर बांधें ये राखी: रक्षाबंधन के मौके पर रेशम, सूत, मोती या चंदन से बनी राखी चुनें. राखी पर स्वस्तिक, ओम, या शुभ प्रतीक हों तो बेहतर रहेगा.
राखी बांधने से पहले भाई का तिलक करें और मंत्र पढ़ें. राखी में प्रेम और विश्वास की भावना हो, यही सबसे जरूरी है.