बच्चों को एक दिन में कितना दूध पीना चाहिए? जानिए

Children Health: बच्चों को उनकी उम्र और जरूरतों के अनुसार सही मात्रा में दूध देना महत्वपूर्ण है.
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उम्र के मुताबिक बच्चों को पीना चाहिए दूध

Children Health: दूध बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है. इसमें कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन डी, और अन्य पोषक तत्व होते हैं, जो हड्डियों, दांतों और समग्र स्वास्थ्य के लिए जरूरी हैं. लेकिन, बच्चों को उनकी उम्र और जरूरतों के अनुसार सही मात्रा में दूध देना महत्वपूर्ण है. उम्र के हिसाब से बच्चों के लिए दूध की सही मात्रा और इसके फायदें क्या है, आइए जानते हैं…

उम्र के अनुसार दूध की मात्रा

बच्चों की उम्र के आधार पर दूध की आवश्यकता अलग-अलग होती है.

0-6 महीने के शिशु

मात्रा: 700-1000 मिलीलीटर प्रति दिन (मां का दूध या फॉर्मूला दूध)

इस उम्र में शिशु का मुख्य आहार दूध ही होता है. मां का दूध सबसे अच्छा विकल्प है, क्योंकि यह शिशु की सभी पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करता है. यदि मां का दूध उपलब्ध न हो, तो डॉक्टर की सलाह पर फॉर्मूला दूध दिया जा सकता है.

6-12 महीने के शिशु

मात्रा: 600-800 मिलीलीटर प्रति दिन

इस उम्र में शिशु ठोस आहार शुरू कर देते हैं, लेकिन दूध अभी भी उनकी डाइट का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है. मां का दूध या फॉर्मूला दूध के साथ-साथ अन्य पौष्टिक आहार शामिल करें.

1-2 साल के बच्चे

मात्रा: 400-600 मिलीलीटर प्रति दिन

इस उम्र में बच्चे की डाइट में विविधता बढ़ती है. गाय का दूध या अन्य डेयरी उत्पाद (जैसे दही, पनीर) देना शुरू किया जा सकता है. पूर्ण वसा वाला दूध इस उम्र में बेहतर होता है, क्योंकि यह मस्तिष्क के विकास में मदद करता है.

2-5 साल के बच्चे

मात्रा: 350-500 मिलीलीटर प्रति दिन

इस उम्र में बच्चों की डाइट में दूध के साथ-साथ अन्य खाद्य पदार्थ जैसे फल, सब्जियां, अनाज, और प्रोटीन स्रोत शामिल होने चाहिए. दूध कैल्शियम और विटामिन डी का अच्छा स्रोत बना रहता है.

5-12 साल के बच्चे

मात्रा: 300-400 मिलीलीटर प्रति दिन

स्कूल जाने वाले बच्चों को दूध उनकी हड्डियों और दांतों के विकास के लिए जरूरी है. इस उम्र में बच्चे की शारीरिक गतिविधियां बढ़ती हैं, इसलिए संतुलित आहार के साथ दूध देना जरूरी है.

दूध के प्रकार और उनके फायदे

मां का दूध: 0-2 साल तक के बच्चों के लिए सबसे अच्छा. इसमें एंटीबॉडीज और पोषक तत्व होते हैं जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं.

गाय का दूध: 1 साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए उपयुक्त. इसमें कैल्शियम, प्रोटीन, और विटामिन डी होता है.

फॉर्मूला दूध: मां का दूध न मिलने पर शिशुओं के लिए विशेष रूप से तैयार किया जाता है.

प्लांट-बेस्ड दूध (सोया, बादाम, ओट): लैक्टोज असहिष्णुता या डेयरी एलर्जी वाले बच्चों के लिए विकल्प हो सकता है, लेकिन डॉक्टर की सलाह जरूरी है.

फोर्टिफाइड दूध: अतिरिक्त विटामिन और मिनरल्स से युक्त, जो पोषण की कमी को पूरा करता है.

दूध के फायदे

हड्डियों का विकास: कैल्शियम और विटामिन डी हड्डियों और दांतों को मजबूत करते हैं.

प्रोटीन का स्रोत: मांसपेशियों और ऊतकों के विकास में मदद करता है.

रोग प्रतिरोधक क्षमता: मां का दूध और कुछ डेयरी उत्पाद इम्यूनिटी बढ़ाते हैं.

मस्तिष्क का विकास: दूध में मौजूद फैट और विटामिन मस्तिष्क के विकास में सहायक हैं.

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सावधानियां और टिप्स

जरूरत से ज्यादा दूध देने से बच्चे का भोजन संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे आयरन की कमी हो सकती है. कुछ बच्चों को लैक्टोज असहिष्णुता या दूध से एलर्जी हो सकती है. ऐसे में डॉक्टर से सलाह लें.

अगर बच्चा दूध पीने में आनाकानी करता है, तो उसमें फल, ड्राई फ्रूट्स, या हल्का फ्लेवर मिलाकर आकर्षक बनाएं. दूध की बोतल, कप या बर्तन हमेशा साफ रखें ताकि संक्रमण का खतरा न हो.

(नोट: बच्चे की एलर्जी और पाचन समस्याओं के लिए हमेशा बाल रोग विशेषज्ञ से सलाह करें.)

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