Health Tips: हेल्थ एक्सपर्ट से जानिए रेबीज से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी
रेबीज से जुड़े हेल्थ टिप्स
Health Tips: रेबीज एक गंभीर वायरल संक्रमण है. जो किसी संक्रमित जानवर ,खासकर कुत्तों के काटने या खरोचने के बाद उसकी लार के माध्यम से इंसानों में फैलती है. यह वायरस संक्रमित इंसान के मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र को सीधे प्रभावित करता हैं. इसलिए समय रहते इसकी रोकथाम जरूरी है. समय से इलाज न मिलने पर यह जानलेवा भी हो सकता है. इसके शुरुआती लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, बेचैनी और काटे गए हिस्से में जलन शामिल है.
बीमारी बढ़ने पर भ्रम,मिर्गी और पैरालिसिस जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. रेबीज से बचाव के लिए तुरंत वैक्सीनेशन जरुरी होता है. वैक्सीन लगवाने से शरीर में एंटीबॉडीज बनती हैं जो इस बीमारी से बचाती हैं. पालतू जानवरों का रेगुलर वैक्सीनेशन करवाना चाहिए और कुत्तों के काटने पर तुरंत चिकित्सकीय सहायता लेना जरूरी है. रेबीज से जुड़े कई महत्वपूर्ण तथ्य हैं. जिनकी जानकारी होना रेबीज से बचाव के लिए आवश्यक हैं.
मशहूर क्रेनियोफेशियल सर्जन और जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. अनुज कुमार ने रेबीज से जुड़े महत्वपूर्ण जानकारी दी है, आइए जानते हैं उनके बारे में…
- रेबीज सिर्फ कुत्तों के काटने से नहीं बल्कि बिल्ली , बंदरों इत्यादि से भी हो सकता है.
- जानवरों के काटने के अलावा नोचने व खरोच मारने से भी रेबीज का खतरा हो सकता है.
- वैक्सीन लेने की कोई अधिकतम समय सीमा निर्धारित नहीं है. अर्थात, अगर किसी कारणवश 24 घंटे के अंदर वैक्सीन नहीं लगवा पाए तो भी देर से ही सही वैक्सीन जरूर लगवा लेना चाहिए.
- अगर 1, 5 या 10 साल पहले भी किसी जानवर ने काटा हो और आपने वैक्सीन नहीं ली हो, तब भी लक्षण आने से पहले वैक्सीन लेना फायदेमंद रहेगा. देर से लगवाना न लगवाने से बेहतर है. पर जितनी जल्दी लें, उतना अच्छा होगा.
- 1 साल बाद रेबीज़ होने का जोखिम बहुत ही कम हो जाता है.विश्वभर में बहुत ही कम ऐसे मामले दर्ज हुए हैं जहां 6 साल के बाद लक्षण दिखाई दिए हों, और केवल एक-दो ही मामले ऐसे हैं जहाँ 20 साल बाद रेबीज़ के लक्षण सामने आए.
- किसी जानवर के काटने से पहले ही रेबीज़ वैक्सीन लेना पूरी तरह संभव और सुरक्षित है. इसे Pre -Exposure Prophylaxis (PrEP) अर्थात् रेबीज़ से बचाव हेतु पहले से लगवाया गया टीका कहते हैं .ये मुख्यतः उन लोगों के लिए है जो उच्च जोखिम भरे कार्य में शामिल हैं जैसे कि पशु-चिकित्सक,डॉग कैचर, सफारी गाइड, चमगादड़ शोधकर्ता इत्यादि .
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- Rabies Immunoglobulin(RIG)का प्रयोग तभी किया जाता है जब जानवर का काटना गंभीर हो और व्यक्ति ने पहले से रेबीज का टीका (pre-exposure vaccination) नहीं लिया हो. RIG Category III Exposure में दिया जाता है .