26 जनवरी और 15 अगस्त पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के अलग हैं नियम, जानिए इनके बारे में…

Republic Day 2025: गणतंत्र दिवस के मौके पर देश के झंडे को पोल के शीर्ष पर बांध दिया जाता है. ऐसे में जब राष्ट्रपति डोरी खींचते हैं, तो वह फहराने लगता है. गणतंत्र दिवस पर इस प्रक्रिया को झंडा बंधन या झंडा फहराना कहलाता है.
Flag Hosting Rule

गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फैहराने के नियम

Republic Day 2025: भारत का गणतंत्र दिवस देश की गौरवशाली विरासत का प्रतीक है.इस साल 26 जनवरी 2025 में भारत अपने गणतंत्र का 76वां वर्षगांठ मनाने जा रहा हैं. 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था. इसी दिन हमारे देश को पूर्ण स्वायत्त गणराज्य घोषित किया गया था. इसलिए, हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है.

गणतंत्र दिवस, भारत का राष्ट्रीय पर्व है, जिसे प्रत्येक भारतवासी पूरे उत्साह, जोश और सम्मान के साथ मनाते है. यह राष्ट्रीय पर्व उतना ही महत्वपूर्ण है जितना स्वतंत्रता दिवस. स्वतंत्रता दिवस हर साल 15 अगस्त को मनाया जाता है, चूंकि स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस किसी विशेष धर्म, जाति या संप्रदाय से न जुड़कर राष्ट्रीयता से जुड़ा है, इसलिए देश का हर बाशिंदा इसे राष्ट्रीय पर्व के तौर पर मनाता है . इसे पूरे देश में गर्व और उत्साह के साथ मनाया जाता हैं, इस दिन विभिन्न संस्थानों में राष्ट्रीय ध्वज फैहराने का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है.

पर क्या आप जानते है 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस) और 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) दोनों ही राष्ट्रीय पर्व में राष्ट्रीय ध्वज फैहराने के अलग-अलग नियम हैं.

आइए जानते हैं इन दोनों राष्ट्रीय पर्व के ध्वजारोहण में क्या-क्या अंतर है

गणतंत्र दिवस के मौके पर देश के झंडे को पोल के शीर्ष पर बांध दिया जाता है. ऐसे में जब राष्ट्रपति डोरी खींचते हैं, तो वह फहराने लगता है. गणतंत्र दिवस पर इस प्रक्रिया को झंडा बंधन या झंडा फहराना (Flag Unfurling) कहलाता है. दूसरी तरफ स्वतंत्रता दिवस के मौके पर तिरंगे को पोल में बांधकर रखा जाता है. इस दौरान जब प्रधानमंत्री तिरंगे की डोरी को खींचते हैं, तो सबसे पहले झंडा ऊपर जाता है, इसके बाद झंडा फहराता है. इस प्रक्रिया को ध्वजारोहण या फ्लैग होस्टिंग (Flag Hosting) कहा जाता है.

  • आजादी के दिन तिरंगे को लाल किले की प्राचीर से फहराया जाता है. जबकि गणतंत्र दिवस के दिन तिरंगा राजपथ पर फहराया जाता है.
  • 26 जनवरी के दिन देश का राष्ट्रपति तिरंगा फहराता है. जबकि 15 अगस्त को तिरंगा झंडा प्रधानमंत्री द्वारा फहराया जाता है.
  • 15 अगस्त को किसी देश को आमंत्रित नहीं किया जाता है, जबकि 26 जनवरी को किसी विदेशी अतिथि को आमंत्रित किया जाता है.
  • 15 अगस्त का समापन उसी दिन हो जाता है, जबकि 26 जनवरी का समापन 29 जनवरी को बीटिंग रिट्रीट समारोह के साथ होता है.
  • 26 जनवरी के दिन दिल्ली में भव्य परेड आयोजित की जाती है, जबकि 15 अगस्त के दिन प्रधानमंत्री देश की उपलब्धियों को गिनाते हैं.

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15 अगस्त को PM और 26 जनवरी को राष्ट्रपति क्यों फहराते हैं झंडा?

भारत की आजादी के समय कोई भी आधिकारिक राष्ट्रपति नहीं था, इसलिए आजादी के समय तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराया था. उस समय के बाद से यह परंपरा चली आई कि 15 अगस्त को देश के प्रधानमंत्री तिरंगा झंडा फहराएंगे. वहीं 26 जनवरी, 1950 को देश के राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने तिरंगा झंडा फहराया था. ऐसे में यह परंपरा उसी समय से चली आ रही है.

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