स्वामी विवेकानंद की 123वीं पुण्यतिथि आज, पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि

Swami Vivekananda Death Anniversary: स्वामी विवेकानंद का निधन 4 जुलाई, 1902 को हुआ था. उनके शिष्यों का कहना है कि विवेकानंद ने महासमाधि ली थी.
Swami Vivekananda Death Anniversary

स्वामी विवेकानंद जी की पुण्यतिथि

Swami Vivekananda Death Anniversary: हर साल 4 जुलाई को पूरा भारत स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि मनाता है. वह भारत के सबसे महान विद्धवानों, आध्यात्मिक गुरुओं में से एक थे. रामकृष्ण मिशन के संस्थापक, आध्यात्मिक नेता दार्शनिक एवं विचारक स्वामी विवेकानंद जी का जन्म12 जनवरी, 1863 को कोलकता के कायस्थ परिवार में हुआ था. उनका पूरा नाम नरेंद्रनाथ दत्त था. विवेकानंद के पिता विश्वनाथ दत्त, जो कलकत्ता हाईकोर्ट में पेशे से वकील थे. उनकी माता भुवनेश्वरी देवी जो बेहद धार्मिक थी.

स्वामी विवेकानंद का बचपन से ही आध्यात्मिकता की ओर झुकाव थोड़ा ज्यादा था. वह अपने गुरु रामकृष्ण परमंहस से बेहद प्रभावित थे. वह इतिहास, साहित्य, कला, धर्म और दर्शन जैसे विषयों में खास रुचि रखते थे. स्वामी विवेकानंद को आधुनिक भारतीय राष्ट्रवाद का जनक भी माना जाता है.

स्वामी विवेकानंद का निधन 4 जुलाई, 1902 को हुआ था. उनके शिष्यों का कहना है कि विवेकानंद ने महासमाधि ली थी. महज 39 साल की उम्र में विवेकानंद ने दुनिया छोड़ दी थी.

PM मोदी ने दी श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दार्शनिक एवं विचारक स्वामी विवेकानंद की 123वीं पुण्यतिथि पर आज (शुक्रवार) उन्हें श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद के विचार और उनका दृष्टिकोण हमारे समाज के लिए मार्गदर्शक हैं.

पीएम मोदी ने ‘एक्स’ पर लिखा- ‘मैं स्वामी विवेकानंद जी को उनकी पुण्यतिथि पर नमन करता हूं. उनके विचार और उनका दृष्टिकोण हमारे समाज के लिए मार्गदर्शक हैं. उन्होंने हमारे इतिहास और सांस्कृतिक विरासत को लेकर गर्व एवं आत्मविश्वास की भावना जगाई. उन्होंने सेवा और करुणा के मार्ग पर चलने पर भी जोर दिया.’

अमेरिका में ‘साइक्लोनिक हिंदू’ के नाम से मिली पहचान

शिकागो में दिए गए ऐतिहासिक भाषण के बाद स्वामी विवेकानंद 3 साल तक अमेरिका में ही रहे थे. उनके ज्ञान और वक्तव्य-शैली के अंदाज को देखते हुए अमेरिकी मीडिया ने उन्हें ‘साइक्लोनिक हिंदू’ का नाम दिया गया था. 11 सितंबर, 1893 में अमेरिका के शिकागो में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए भाषण के दौरान उन्होंने मानव समाज को ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की भी शिक्षा दी थी.

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स्वामी विवेकानंद के अनमोल वचन

‘उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाये.’

‘सबसे बड़ा पाप है अपने आप को कमजोर समझना.’

‘सारी शक्ति आपके भीतर है; आप कुछ भी और सब कुछ कर सकते हैं.’

‘जब तक आप स्वयं पर विश्वास नहीं करेंगे तब तक आप ईश्वर पर विश्वास नहीं कर सकते.’

‘सत्य को हजार तरीकों से कहा जा सकता है, फिर भी प्रत्येक तरीका सत्य हो सकता है.’

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