क्या है Pink Tax जो केवल महिलाओं की जेब काटता है? जानें कैसे वसूला जाता है यह टैक्स”

Pink Tax: पिंक टैक्स का मतलब महिलाओं के उपयोगी चीजों पर लगाए जाने वाले एक्स्ट्रा टैक्स से है. बहुत सी कंपनियां प्रोडक्ट के केवल रंग बदलकर डिज़ाइंड फॉर वीमेन के रूप में पेश करती हैं और उसे अधिक दाम में बेच देती हैं. इन उत्पादों में भले ही कोई खास अंतर न हो लेकिन फिर भी महिलाओं को ये प्रोडक्ट्स ज्यादा दाम में बेचे जाते हैं.
Pink Tax

पिंक टैक्स

Pink Tax: आपको जानकर हैरानी होगी की एक ही सामान के लिए पुरुषों के तुलना में महिलाओं से ज्यादा पैसे वसूले जाते हैं हैं. इसे ही पिंक टैक्स कहा जाता है, आइए आपको बताते हैं की ऐसा क्यूं होता है और आप इससे कैसे बच सकते हैं.

अगर आपने कभी गौर किया होगा तो महिलाओं की चीजें पुरुषों के मुकाबले छोटी होती हैं, लेकिन फिर भी उनके दाम ज्यादा होते हैं. उदाहरण के लिए शॉर्ट्स को ही देख लीजिए महिलाओं के शॉर्ट्स पुरुषों के शॉर्ट्स से अमूमन छोटे होते हैं लेकिन या फिर यूं कह ले की उन्हें बनाने में कम फैब्रिक का इस्तेमाल होता है लेकिन फिर भी महिलाओं के शॉर्ट्स के दाम ज्यादा महंगे होते हैं. या फिर महिलाओं के रेजर को देख लीजिये, जो सिर्फ रंग में अलग होते हैं, लेकिन फिर भी उनकी कीमत पुरुषों के रेज़र से अधिक होती है?

यह Pink Tax का असर है! जी हां, बहुत से लोग इसके बारे में नहीं जानते होंगे. और ये भेदभाव चुपचाप बिना किसी चर्चा के हमारे रोजमर्रा के खर्चों में शामिल हो चुका है. भले ही यह सिर्फ रंग या पैकेजिंग का अंतर हो, लेकिन महिलाओं को इसके लिए ज्यादा भुगतान करना पड़ता है। लेकिन क्यों? क्या है इसके पीछे की सच्चाई आइए जानते हैं.

पिंक टैक्स का मतलब महिलाओं के उपयोगी चीजों पर लगाए जाने वाले एक्स्ट्रा टैक्स से है. बहुत सी कंपनियां प्रोडक्ट के केवल रंग बदलकर डिज़ाइंड फॉर वीमेन के रूप में पेश करती हैं और उसे अधिक दाम में बेच देती हैं. इन उत्पादों में भले ही कोई खास अंतर न हो लेकिन फिर भी महिलाओं को ये प्रोडक्ट्स ज्यादा दाम में बेचे जाते हैं.

इन प्रोडक्ट्स पर लगता है पिंक टैक्स?

अगर देखे तो पिंक टैक्स हर डेली नीड्स पर लगते हैं, चाहे वो कपड़े हों, रेजर हो, परफ्यूम या हेयर केयर और ब्यूटी प्रोडक्ट्स. महिलाओं के कपड़े पुरुषों के कपड़ों के मुकाबले में अमूमन महंगे होते हैं, भले ही फैब्रिक सेम हो पैटर्न सेम हो. यहां तक की महिलाओं के लिए बने कपड़ों में कम फैब्रिक यूज़ होता हो क्यूंकि उनके साइज़ छोटे हैं फिर भी वो अधिक महंगे होते हैं. पुरुषों और महिलाओं के रेज़र में सिर्फ रंग का अंतर होता है, लेकिन महिलाओं के रेज़र के दाम अधिक होती है। परफ्यूम और डियोडरेंट को भी देखे तो महिलाओं के लिए बनाए गए परफ्यूम और डियोडरेंट्स की कीमतें मेंस प्रोडक्ट्स की तुलना में अधिक होती हैं. महिलाओं के लिए हेयरकट और ब्यूटी ट्रीटमेंट की कीमतें पुरुषों की तुलना में काफी ज्यादा होती हैं.

Pink Tax क्यों लगाया जाता है?

Pink Tax मार्केटिंग स्ट्रेटेजी का हिस्सा हैं, कंपनियां इस बात से अच्छे से वाकिफ हैं की महिलाएं अपने लुक्स, स्किन केयर और पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स पर ज्यादा ध्यान देती हैं और वो इन चीज़ों पर खर्च करने में पुरुषों से ज्यादा फ्लेक्सिबल होती हैं, इसलिए वे महिलाओं के स्किन केयर प्रोडक्ट्स, कपड़ों, एसेसरीज, कॉस्मेटिक ज्यादा महंगे बेचते हैं. इस एक कारण समाज भी हो सकता है समाज में महिलाओं को फैशन और ब्यूटी को प्रायोरिटी देने के लिए बचपन से ही प्रेरित किया जाता है, आजकल सोशल मीडिया का दौर है ऐसे में महिलाएं इन चीजों के तरफ ज्यादा आकर्षित होती हैं, जिससे कंपनियां इसका फायदा उठाती हैं.

कैसे बचें पिंक टैक्स से?

अगर आपको पिंक टैक्स से बचना है तो यूनिसेक्स प्रोडक्ट्स यूज़ करें, यूनिसेक्स प्रोडक्ट्स के दाम विमेंस प्रोडक्ट्स की तुलना में सस्ते होते हैं, और ये जेंडर न्यूट्रल होते हैं तो इन्हें पुरुष और महिलाएं दोनों यूज़ कर सकते हैं. हमेशा प्रोडक्ट्स की कीमत और गुणवत्ता की तुलना करें, सिर्फ ब्रांड्स पर मत जाए, कई बार बिना ब्रांड के भी चीज़ें अच्छी होती है तो आसानी से उपलब्ध भी हो जाते हैं और सस्ते भी होते हैं. आप चाहे तो अगर आपके जान पहचान के लोग कोई लोकल प्रोडक्ट्स यूज़ करते हो तो आप उनसे भी सलाह ले सकते हैं.

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हालांकि ये तरीके तो टेम्पररी हैं, लेकिन इस समस्या का कोई परमनेंट समाधान भी होना चाहिए. और इसके लिए सरकार को इसके खिलाफ जरूर कदम उठाना चाहिए.

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