Lok Sabha Election: चुनाव में उतरे 78 मुस्लिम प्रत्याशी, यूपी में सबसे अधिक 22, जानें कितने पहुंचेंगे संसद

Lok Sabha Election: सहारनपुर से कांग्रेस उम्मीदवार इमरान मसूद ने 64,542 वोटों के अंतर से जीत हासिल की, जबकि कैराना से समाजवादी पार्टी की 29 वर्षीय उम्मीदवार इकरा चौधरी ने बीजेपी के प्रदीप कुमार के खिलाफ 69,116 वोटों से जीत हासिल की.
Muslim Candidates In Lok Sabha Election 2024

इकरा चौधरी, असदुद्दीन ओवैसी और यूसुफ पठान

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में अलग-अलग राजनीति दलों के टिकट पर कुल 78 मुस्लिम उम्मीदवार चुनाव लड़ें थे. इनमें से केवल 24 कैंडिडेट ही जीतने में कामयाब रहे. यह संख्या पिछले कुछ वर्षों में कम होती जा रही है. पिछले यानी की 2019 लोकसभा चुनाव में केवल 26 मुस्लिम उम्मीदवार संसद सदस्य के रूप में चुने गए, जिनमें से चार कांग्रेस, चार टीएमसी, तीन बसपा तीन सपा और एक-एक एनसीपी और सीपीआई (एम) से थे.

इस साल, सहारनपुर से कांग्रेस उम्मीदवार इमरान मसूद ने 64,542 वोटों के अंतर से जीत हासिल की, जबकि कैराना से समाजवादी पार्टी की 29 वर्षीय उम्मीदवार इकरा चौधरी ने बीजेपी के प्रदीप कुमार के खिलाफ 69,116 वोटों से जीत हासिल की.

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गाजीपुर से सपा उम्मीदवार अफजाल अंसारी जीते

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर लोकसभा सीट से सपा नेता अफजाल अंसारी ने अपने प्रतिद्वंद्वी से एक लाख अधिक वोट हासिल कर भाजपा के पारस नाथ राय को पीछे छोड़ दिया. जबकि, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भाजपा की माधवी लता के खिलाफ 3,38,087 वोटों के अंतर से हैदराबाद सीट पर जीत हासिल किए. लद्दाख में निर्दलीय उम्मीदवार मोहम्मद हनीफा ने 27,862 वोटों के अंतर से जीत हासिल की, जबकि एक निर्दलीय उम्मीदवार अब्दुल राशिद शेख उर्फ ​​इंजीनियर राशिद ने जम्मू-कश्मीर की बारामूला सीट पर 4.7 लाख वोट हासिल कर जीत हासिल की.

उत्तर प्रदेश में, समाजवादी पार्टी के मोहिबुल्लाह ने 4,81,503 वोट हासिल करके रामपुर सीट जीती, जबकि जिया उर रहमान ने संभल में 1.2 लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल की. वहीं, नेशनल कॉन्फ्रेंस के मियां अल्ताफ अहमद ने जम्मू और कश्मीर की अनंतनाग-राजौरी सीट पर जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के खिलाफ 2,81,794 वोटों से जीत हासिल की. श्रीनगर में एनसी उम्मीदवार आगा सैयद रुहुल्लाह मेहदी ने पीडीपी उम्मीदवार को हराया.

यूसुफ पठान के खिलाफ हारे अधीर रंजन

पश्चिम बंगाल की बहरामपुर सीट से पहली बार चुनावी मैदान में उतरे यूसुफ पठान ने कांग्रेस के दिग्गज नेता और छह बार के सांसद अधीर रंजन चौधरी को 85,022 वोटों से हराकर उलटफेर किया. वहीं, बशीरहाट से टीएमसी के हाजी नुरुल इस्लाम ने भाजपा उम्मीदवार रेखा पात्रा को लगभग दो लाख वोटों से हराया. उलुबेरिया में भी टीएमसी की सजदा अहमद दो लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से बीजेपी के अरुणोदय पॉल चौधरी को हराकर जीते.

जंगीपुर में, तृणमूल के खलीलुर रहमान कांग्रेस के मुर्तोजा हुसैन बोकुल से 1 लाख से अधिक वोटों से आगे निकल गए. मुर्शिदाबाद में भी टीएमसी का दबदबा देखा गया और अबू ताहेर खान सीपीआई (एम) के मोहम्मद सलीम से एक लाख से अधिक वोटों से आगे निकल गए. मालदाहा पश्चिम में कांग्रेस के ईशा खान चौधरी ने भाजपा की श्रीरूपा मित्रा चौधरी को 1.2 लाख वोटों के अंतर से हराया. वही, लक्षद्वीप में कांग्रेस के मुहम्मद हमदुल्ला सईद ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के मोहम्मद फैज़ल पीपी को केवल 2,000 वोटों से हराया.

तमिलनाडु के रामनाथपुरम में मुस्लिम उम्मीदवार की जीत

इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के नवस्कनी के ने भी तमिलनाडु के रामनाथपुरम में जीत हासिल की. केरल के पोन्नानी में, IUML के डॉ. एम. पी. अब्दुस्समद समदानी ने सीपीआई (एम) के के.एस. हमजा को हराया. वडकारा में कांग्रेस के शफी परम्बिल ने सीपीआई (एम) की शैलजा टीचर को एक लाख से अधिक वोटों के अंतर से हराया. IUML मलप्पुरम निर्वाचन क्षेत्र भी जीतने में कामयाब रही, जहां ई टी मोहम्मद बशीर ने सीपीआई (एम) के वी वसीफ को 3 लाख से अधिक वोटों से हराया.

बिहार में, कांग्रेस के तारिक अनवर ने जनता दल (यूनाइटेड) के दुलाल चंद्र गोस्वामी को लगभग 50,000 वोटों के अंतर से पीछे छोड़ते हुए कटिहार से जीत हासिल की. किशनगंज में कांग्रेस के मोहम्मद जावेद ने जदयू के मुजाहिद आलम को लगभग 60,000 वोटों से हराया. असम के धुबरी निर्वाचन क्षेत्र में, एआईयूडीएफ का गढ़, बदरुद्दीन अजमल कांग्रेस के रकीबुल हुसैन से पीछे रह गए.

35 मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारी थी बसपा

इस साल बसपा ने 35 मुस्लिम उम्मीदवार उतारे, जो सभी पार्टियों में सबसे ज्यादा है. इनमें से आधे से अधिक (17) उत्तर प्रदेश में थे, इसके अलावा मध्य प्रदेश में चार, बिहार और दिल्ली में तीन-तीन, उत्तराखंड में दो, और राजस्थान, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, झारखंड, तेलंगाना और गुजरात में एक-एक था.

कांग्रेस 19 मुस्लिम उम्मीदवारों के साथ दूसरे स्थान पर है, जिनमें सबसे अधिक संख्या पश्चिम बंगाल में छह, उसके बाद आंध्र प्रदेश, असम, बिहार और यूपी में दो-दो और कर्नाटक, केरल, ओडिशा, तेलंगाना और लक्षद्वीप में एक-एक है. इस बार चुनाव मैदान में टीएमसी के तीसरे सबसे ज्यादा छह मुस्लिम उम्मीदवार हैं, जिनमें से पांच को उसने अपने गृह राज्य बंगाल में खड़ा किया है. इसने असम में एक मुस्लिम उम्मीदवार भी खड़ा किया है.

सपा ने यूपी में 3 मुस्लिम प्रत्याशियों पर लगाया था दांव

अब सपा के मुस्लिम उम्मीदवारों में से तीन यूपी से चुनाव लड़े थे, जबकि चौथे को आंध्र प्रदेश से मैदान में उतारा गया है. यहां तक ​​कि सपा ने यूपी में अपने मौजूदा मुस्लिम सांसदों में से एक, मुरादाबाद के एसटी हसन को हटाकर, हिंदू उम्मीदवार रुचि वीरा को मैदान में उतारा था.

जम्मू-कश्मीर को छोड़कर, सबसे अधिक मुस्लिम उम्मीदवार यूपी (22) में चुनाव लड़े थे, इसके बाद पश्चिम बंगाल (17), बिहार (सात), केरल (छह) और मध्य प्रदेश (चार) मुस्लिम कैंडिडेट चुनावी मैदान में रहे. जनसंख्या में मुसलमानों की हिस्सेदारी के मामले में सबसे अधिक असम में तीन मुस्लिम उम्मीदवार हैं, जो पिछली बार के चार से कम है.

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