Lok Sabha Election 2024: चुनाव आयोग ने बंगाल के राज्यपाल के कूच बिहार दौरे पर लगाई रोक, सुरक्षा कारणों का दिया हवाला
Lok Sabha Election 2024: भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस को सलाह दी है कि वे 18 और 19 अप्रैल को कूच बिहार का दौरा न करें. क्योंकि लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान को लेकर बुधवार शाम से मौन अवधी शुरू हो रही है. चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल कार्यालय को भेजे अपने पत्र में चुनाव आयोग ने कहा कि आदर्श आचार संहिता के तहत और 19 अप्रैल को मतदान का दिन होने के कारण राज्यपाल के लिए कोई स्थानीय कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जा सकता है.
चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि चूंकि जिला प्रशासन और पुलिस बल 18 और 19 अप्रैल को चुनाव को लेकर पूरी तरह व्यस्त रहेंगे. इसलिए अगर उन्हें इस समय के दौरान दौरा करना होगा तो स्थानीय सुरक्षा कवर प्रदान करने की आवश्यकता है. कूचबिहार के लिए मौन अवधि बुधवार शाम 6 बजे शुरू होती है और इस प्रकार जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 126 के तहत चुनाव प्रचार पर प्रतिबंध लगाया जाता है.
ये भी पढ़ें- शांति की अपील क्यों, समृद्धि की क्यों नहीं? रामनवमी को लेकर CM ममता ने दिया बयान तो बीजेपी ने साधा निशाना
चुनाव आयोग ने अधिकारियों को दिया निर्देश
चुनाव आयोग ने सभी जिले के चुनाव अधिकारियों और जिला पुलिस प्रमुखों को निर्देश जारी किया है. जिसमें यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि सभी हाई प्रोफाइल व्यक्ति, प्रचारक, राजनीतिक कार्यकर्ता जो क्षेत्र के मतदाता नहीं हैं, उन्हें स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए मौन अवधि शुरू होने के बाद चुनाव क्षेत्र से बाहर जाना चाहिए.
“पहले दिन से ही मैदान में रहेंगे”
चुनाव आयोग ने 16 मार्च को लोकसभा चुनाव 2024 के कार्यक्रम की घोषणा की. बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने उस दिन कहा था कि वह पहले दिन से ही मैदान में रहेंगे. उन्होंने कहा था, ‘मैं सुबह 6 बजे सड़कों पर उतरूंगा और लोगों के लिए उपलब्ध रहूंगा. पिछले साल पंचायत चुनावों के दौरान राज्य में हुई मानव रक्त की राजनीतिक होली को अब अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.’
पिछले महीने कोलकाता में गवर्नर हाउस में एक नया पोर्टल भी लॉन्च किया गया था जिसके माध्यम से राज्यपाल राज्य के आम मतदाताओं से सीधे जुड़ सकेंगे और चुनावों के बारे में उनकी शिकायतों का समाधान कर सकेंगे. पोर्टल में एक डेडिकेटेड ईमेल है, जिसके माध्यम से राज्य का कोई भी मतदाता चुनावी संबंध अपनी शिकायत सीधे गवर्नर के पास दर्ज करा सकता है.