दो डिप्टी CM का फार्मूला तय, शपथ ग्रहण से पहले आज फडणवीस-अजित और शिंदे जाएंगे दिल्ली

Maharashtra: महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को खत्म हो रहा है. इसलिए इससे पहले सरकार गठित होनी है. ऐसा न होने पर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ेगा.
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Maharashtra: महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद अब साफ हो गया है कि राज्य में महायुति की सरकार बनेगी. महायुति से CM पद के उम्मीदवार की अभी तक घोषणा नहीं हुई है. घोषणा से पहले रविवार शाम एकनाथ शिंदे, अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस दिल्ली जाएंगे. दिल्ली में भाजपा की केंद्रीय नेतृत्व के साथ बैठक के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान किया जा सकता है.

बता दें, महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को खत्म हो रहा है. इसलिए इससे पहले सरकार गठित होनी है. ऐसा न होने पर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ेगा.

मिल रही जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए इस बार महायुति से एक मुख्यमंत्री और 2 डिप्टी CM का फॉर्मूला तय हुआ है. वहीं, महायुति की पार्टियों में हर 6 विधायकों पर एक मंत्री पद का फॉर्मूला फाइनल हुआ है. इस हिसाब से भाजपा के 22-24, शिंदे गुट के10-12 और अजित गुट के 8-10 विधायक मंत्री बन सकते हैं.

ऐसी जानकारी सामने आ रही है कि मुख्यमंत्री के नाम के ऐलान होने के बाद रविवार को मुंबई में राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह हो सकता है. CM शिंदे ने जीत के बाद कहा था कि चुनाव के पहले तय नहीं था कि जिसकी ज्यादा सीटें होंगी, उसका ही CM बनेगा.

NCP की बैठक में अजित विधायक दल के नेता चुने गए

इधर, NCP अजित गुट की मुंबई के देवगिरी बंगले में विधायक दल की मीटिंग हुई. इसमें अजित पवार को विधायक दल का नेता चुन लिया गया है. अजित पवार शाम को दिल्ली जाकर गठबंधन के सहयोगियों से सरकार गठन को लेकर चर्चा करेंगे.

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भाजपा का स्ट्राइक रेट सबसे ज्यादा

इस बार महाराष्ट्र चुनाव में मुकाबला महायुति और महा विकास अघाड़ी में था. महायुति में भाजपा, शिवसेना (एकनाथ शिंदे) और एनसीपी (अजित पवार) शामिल हैं, जबकि महा विकास अघाड़ी में कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव ठाकरे) और एनसीपी (शरद पवार).

149 सीटों पर लड़ने वाली भाजपा ने सबसे ज्यादा 132 सीटें जीती हैं. गठबंधन ने 288 सीटों में से रिकॉर्ड 230 सीटें जीती है. इस बार चुनाव के नतीजों में भाजपा का स्ट्राइक रेट 88% रहा. कांग्रेस नेतृत्व वाले महा विकास अघाड़ी (MVA) को 46 सीटें ही मिलीं.

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