लोकसभा चुनाव के बीच जेल से बाहर आना चाहता है Gurmeet Ram Rahim, HC से बोला- मैं पैरोल का हकदार
Gurmeet Ram Rahim Parole: देश में लोकसभा चुनाव का दौर जारी है. इस बीच डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम एक बार फिर जेल से बाहर आने की गुहार लगा रहा है. दुष्कर्म और हत्या के मामलों में रोहतक की सुनारिया जेल में सजा काट रहा राम रहीम ने परोल या फरलो देने पर रोक के आदेश को हटाने के लिए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में अर्जी लगाई है. बता दें कि, राम रहीम के अनुसार इस साल मिलने वाली पैरोल में उसके पास अभी भी 41 दिन बचे हुए हैं. दिलचस्प बात यह है कि लोकसभा चुनाव के बीच राम रहीम ने परोल मांगी है. इसका कारण है कि पंजाब और हरियाणा की कई सीटों पर डेरा का प्रभाव देखा जाता है.
20 दिन की पैरोल और 21 दिन की फरलो की मांग
बता दें कि, डेरा प्रमुख राम रहीम ने HC में दाखिल की गई अर्जी में कहा है कि वह इस साल 20 दिन की परोल और 21 दिन की फरलो समेत कुल 41 दिनों की रिहाई ले सकता है. उसने 29 फरवरी के आदेशों पर रोक हटाने की मांग करते हुए कहा कि पैरोल और फरलो का उद्देश्य सुधारात्मक प्रकृति का है और दोषी को परिवार और समाज के साथ संबंधों को बनाए रखने में सक्षम बनाना है. उसने आरोप लगाया कि 29 फरवरी का आदेश अधिकारों को नुकसान पहुंचा रहा है क्योंकि अधिनियम के अनुसार वह इस साल 20 दिनों के परोल और 21 दिनों के लिए फरलो का पात्र है. जैसा कि दूसरे दोषियों को दिया गया है.
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राम रहीम की पैरोल पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट सख्त
डेरा प्रमुख राम रहीम ने यह भी कहा कि हरियाणा गुड कंडक्ट प्रिजनर्स (टेम्पररी रिलीज) एक्ट 2022 के तहत दोषियों को हर साल 70 दिन की परोल और 21 दिन की फरलो देने का अधिकार दिया गया है. ऐसे में यह नियम ऐसे किसी भी दोषी को परोल और फरलो देने पर रोक नहीं लगाते हैं. बता दें कि फरवरी में राम रहीम को मिलने वाली परोल को लेकर हाईकोर्ट ने सख्त रवैया अपनाया था और भविष्य में कोर्ट की इजाजत के बगैर परोल या फरलो देने पद रोक लगा दी थी. यह रोक शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की याचिका पर सुनवाई के दौरान लगाई गई थी.