बंगाल-ओडिशा जैसे राज्यों को फतह करने में जुटी BJP, हिंदी बेल्ट में खुद को मान रही सेफ?
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के लिए चौथे चरण की वोटिंग में अब केवल 2 दिन का वक्त बचा है. बीजेपी के लिए चुनाव प्रचार का नेतृत्व खुद पीएम नरेंद्र मोदी कर रहे हैं. पार्टी न सिर्फ सत्ता में वापसी की दावा कर रही है, बल्कि 400 का बहुमत पार करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को लेकर चल रही है. जिसके लिए बीजेपी खास रणनीति के तहत चुनाव में उतरी हुई है. हिंदी पट्टी के राज्यों में पार्टी पहले ही अपने सर्वश्रेष्ठ दौर में है और इसलिए अपना फोकस, बंगाल, ओडिशा, तेलंगाना, तमिलनाडु जैसे गैर हिंदी राज्यों में लगाया है.
लोकसभा चुनाव 2024 से पहले हिंदी प्रदेशों में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने क्लीन स्वीप किया है. छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में पार्टी ने बंपर बहुमत के साथ सरकार बनाई है. 2019 लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी उत्तर प्रदेश की सत्ता में भी वापसी करने में सफल रही है. हिंदी बेल्ट में पार्टी का संगठन और कार्यकर्ताओं में भरपूर एकजुटता भी देखा जा रहा है.
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दूसरे राज्यों में भी संभावनाएं तलाश रही है बीजेपी
क्षेत्रवार भी पार्टी अपने गढ़ को सुरक्षित मानकर चल रही है. जनता की नाराजगी कम करने के लिए टिकटों के बंटवारे में सांसदों के प्रदर्शन का भी ध्यान रखा गया है. बीजेपी के अपने संगठन और कार्यकर्ताओं के साथ ही इन राज्यों में आरएसएस (RSS) से भी पार्टी को संगठन स्तर पर मजबूती मिलती है. यही वजह है कि पार्टी दूसरे राज्यों में अपने लिए संभावनाएं तलाश रही है.
बंगाल की 42 सीटों पर पार्टी की नजर
बीजेपी से जुड़े सूत्रों का भी कहना है कि बंगाल की 42 लोकसभा सीटों पर पार्टी नजर गड़ाकर बैठी है. 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को यहां 18 सीटों पर जीत मिली थी. ममता बनर्जी के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी, तुष्टिकरण की राजनीति जैसे मुद्दों को आधार बनाकर पार्टी अपने प्रदर्शन में बड़ा सुधार लाना चाहती है. इसके लिए स्थानीय स्तर पर कार्यकर्ताओं को एकजुट करने से लेकर संगठन को मजबूत बनाने पर काम किया गया है.
ओडिशा में बीजेडी बनाम बीजेपी
वहीं ओडिशा में इस बार का मुकाबला सीधे नवीन पटनायक की नेतृत्व वाली बीजू जनता दल (बीजेडी) बनाम बीजेपी का है. 2019 लोकसभा चुनाव में वोट शेयर के आधार पर बात करें तो यहां पार्टी को फायदा हुआ था. अब बीजेपी इस फायदें को सीटों में कन्वर्ट करने के लिए अपने रणनीति के साथ आगे बढ़ रही है. ओडिशा के वोटरों को लुभाने के लिए जोर-शोर से चुनाव प्रचार किया जा रहा है. विकास कार्य, आदिवासी कल्याण से लेकर पीएम मोदी के चेहरे को आधार बनाकर भाजपा आक्रामक चुनाव प्रचार में लगी हुई है.