तेजस्वी की तेज रफ्तार फेल! 250 रैली के बाद भी सिर्फ 4 सीट पर जीत, बिहार में RJD से ज्यादा कांग्रेस कामयाब

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने 250 से ज्यादा जनसभाएं और रोड शो किए. तेजस्वी पूरे बिहार में घूम-घूमकर आरजेडी और इंडिया गठबंधन के प्रत्याशियों के समर्थन में ताबड़तोड़ प्रचार किए,
Lok Sabha Election 2024

तेजस्वी यादव ( पूर्व डिप्टी सीएम, बिहार )

Lok Sabha Election 2024: 4 जून को हुए मतगणना के साथ ही अब 2024 लोकसभा चुनाव खत्म हो चुका है. इस बार जनता ने किसी भी दल को पूर्ण बहुमत का आंकड़ा नहीं दिया है. चुनाव के बाद अब सभी पार्टियां अपने-अपने नतीजे की आंकलन कर रही हैं. यूपी में इंडी गठबंधन ने एनडीए को झटका दिया है.वहीं, बिहार में चुनावी रैलियों को देखते हुए जैसे नतीजे के अनुमान लगाए जा रहे थे रिजल्ट बिलकुल ही विपरित रहा.

लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने 250 से ज्यादा जनसभाएं और रोड शो किए. तेजस्वी पूरे बिहार में घूम-घूमकर आरजेडी और इंडिया गठबंधन के प्रत्याशियों के समर्थन में ताबड़तोड़ प्रचार किए, इसके बावजूद आरजेडी 23 सीटों में से केवल 4 सीटें ही जीतने में सफल हो सकी. आरजेडी का स्ट्राइक रेट इस बार के चुनाव में बिहार में सबसे खराब केवल 17 फीसदी ही रहा.

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महज 4 सीटों पर जीती आरजेडी

इस लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल ने पाटलिपुत्र, बक्सर, औरंगाबाद और जहांनाबाद सीटों पर जीत हासिल की है. पाटलिपुत्र से लालू यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती, जहांनाबाद से सुरेंद्र यादव, औरंगाबाद से अभय कुशवाहा और बक्सर से सुधाकर सिंह ने आरजेडी के लालटेन को जलाया है. वहीं, आंकड़ों पर नजर डालें तो लोकसभा चुनाव में बिहार में आरजेडी से भी ज्यादा खराब प्रदर्शन केवल दो पार्टियों ने किया- CPI और CPM. जिन्होंने बिहार में एक-एक सीट पर चुनाव लड़ा था और दोनों जगह पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा.

आपको बता दें कि बिहार की कुल 40 सीटों में से आरजेडी 23, कांग्रेस 9, लेफ्ट 5 और मुकेश सहनी की पार्टी VIP ने तीन सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. इनमें आरजेडी के चार, कांग्रेस के तीन, लेफ्ट के दो सीटों पर जीत हासिल की. वहीं बीजेपी और जेडीयू ने 12-12 और चिराग पासवान की एलजेपी ने पांच सीटें जीती हैं.

नहीं चला बेरोगजारी और महंगाई का मुद्दा

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में प्रचार-प्रसार के दौरान तेजस्वी लगातार बेरोजगारी और महंगाई का मुद्दा उठाते रहे और उनकी जनसभाओं में भी जबरदस्त भीड़ देखने को मिलती थी, मगर चुनावी नतीजों से ऐसा लगता है कि नरेंद्र मोदी के मैजिक के सामने तेजस्वी की एक भी नहीं चली और जनता ने मोदी के नाम पर वोट दिया.

आरजेडी को मिले सबसे अधिक वोट

दिलचस्प बात तो यह है कि बिहार में पिछले कई सालों से आरजेडी की सहयोगी कांग्रेस का प्रदर्शन भी इस बार आरजेडी से बहुत बेहतर रहा और 33 फीसदी स्ट्राइक रेट के साथ कांग्रेस ने 9 सीट में से 3 सीटों पर जीत हासिल की. हालांकि, वोट शेयर के आंकड़ों पर नजर डालें तो इस बार आरजेडी को बिहार में सबसे ज्यादा 22.14 फीसदी वोट मिले हैं, जिसके बाद दूसरे नंबर पर बीजेपी 20.52 फीसदी और फिर जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) 18.52 फीसदी है.

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